पिता की विरासत को कलंकित कर गया बेटा बाबू – गाज़ीपुर कलेक्ट्रेट में घूस लेते पकड़ा गया अभिनव यादव

गाजीपुर। कलेक्ट्रेट के सचिवालय में तैनात बाबू अभिनव सिंह यादव को उसी कार्यालय में एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब अभिनव, एक रिटायर्ड कर्मचारी से रिटायरमेंट के बकाया भुगतान के बदले ₹50,000 की घूस मांग रहा था।
बाबू अभिनव सिंह यादव तीन पटलों पर तैनात था और उसे मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली थी। वह जमानियां तहसील के देवरिया गांव का मूल निवासी है। खास बात यह है कि अभिनव के पिता भी इसी कलेक्ट्रेट कार्यालय में बाबू रहे हैं, लेकिन बेटे ने उनकी वर्षों की ईमानदार सेवा को दागदार कर दिया।
घटना तब सामने आई जब रिटायर्ड बाबू प्रेमानंद श्रीवास्तव, जो 30 जून 2025 को सेवा निवृत्त हुए थे, ने अभिनव की घूसखोरी के खिलाफ एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। प्रेमानंद श्रीवास्तव भी वर्षों तक इसी कार्यालय में कार्यरत रहे और सिस्टम के ‘खिलाड़ी' रहे! उन्होंने पूरे संयम और रणनीति से एंटी करप्शन को साथ लेकर बाबू अभिनव को घूस के साथ पकड़वाया।
एंटी करप्शन की टीम ने मौके पर कार्रवाई करते हुए अभिनव सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के लिए वाराणसी ले गई। यह घटना कलेक्ट्रेट जैसे संवेदनशील और भरोसेमंद कार्यालय पर गहरे सवाल खड़े करती है।
अब सवाल यह है कि मृतक आश्रित की यह नौकरी, जो किसी परिवार की ज़रूरत के समय मिली थी, कैसे भ्रष्टाचार का साधन बन गई? और क्या ऐसे मामलों से सरकारी व्यवस्था की साख बार-बार धूलधूसरित होती रहेगी?