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चेयरमैन की पहली वर्षगांठ और एमएलसी नदारद

गाजीपुर। इसे दुर्योग कहें या संयोग कि जो उनको जिले की पहली कुर्सी पर बैठाने का योग बनाया, वही उनके उत्सव से गायब रहा। वाकया जिला पंचायत का है।

सपना सिंह के जिला पंचायत चेयरमैन की कुर्सी पर बैठे एक वर्ष पूरा हो गए। इस पहली वर्षगांठ को उन्होंने मंगलवार को धूमधाम से मनाया। जिला पंचायत सभागार में भव्य समारोह हुआ। उसमें जिला पंचायत सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी की। मीडिया कर्मियों को आमंत्रित कर चेयरमैन अपनी एक-एक उपलब्धि को गिनाईं मगर खटकने वाली बात यह रही कि उस अहम मौके पर एमएलसी विशाल सिंह चंचल के दीदार नहीं हुए। ऐसा क्यों। इस सवाल पर चेयरमैन के लोगों ने बताया कि एमएलसी की खुद की कहीं व्यस्तता थी मगर सियासी हलके में चर्चा यही है कि एमएलसी जानबूझ कर उस समारोह से खुद को दूर रखे। अगर ऐसा है तो तय है कि चेयरमैन पति और एमएलसी के बीच पहले वाले ताल्लुकात नहीं रह गए हैं।

मालूम हो कि सपना सिंह को जिला पंचायत की कुर्सी कैसे हासिल हुई। यह सबको पता है। इसके लिए एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने सब कुछ किया। अपनी ओर से रणनीति के तहत सपना सिंह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव निर्दल लड़ी थीं। एमएलसी अपनी पहुंच और प्रभाव के बूते पहले उनको भाजपा की सदस्यता दिलाई। फिर चेयरमैन के चुनाव के लिए भाजपा का टिकट दिलवाए थे। जाहिर था कि मात्र उतने से काम नहीं बनना था। लिहाजा एमएलसी अपने स्तर से जन-धन का इंतजाम कर सपना सिंह की जीत सुनिश्चित किए थे।

तब सवाल है कि इतना सबकुछ करने के बाद भी चेयरमैन पति बेकदरी करें। यह एमएलसी क्यों और कैसे बर्दाश्त करेंगे। तब हैरानी नहीं कि चेयरमैन पति के सार्वजनिक कार्यक्रमों से एमएलसी खुद को भरसक दूर रखने की कोशिश कर रहे हों। एमएलसी विशाल सिंह चंचल और चेयरमैन सपना सिंह के बीच सियासी ताल्लुकात ही नहीं बल्कि पारिवारिक नातेदारी भी है। रिश्ते में सपना सिंह एमएलसी की सरहज लगती हैं और एक तरह से देखा जाए तो एमएलसी सपना सिंह के राजनीतिक अभिभावक की तरह हैं।

…और यह बोलीं चेयरमैन

चेयरमैन की कुर्सी की अपनी पहली वर्षगांठ के मौके पर सपना सिंह मीडिया कर्मियों से बोलीं-पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्‍व में जिला पंचायत की कोशिश है कि अंतिम व्‍यक्ति तक विकास की किरण पहुंचे। यह भी कोशिश है कि जिला पंचायत के विकास कार्यों की गुणवत्‍ता और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जाए और उनकी इस ईमानदार कोशिश से विरोधी बेचैन हैं। अब तक विरोधियों के लिए जिला पंचायत काली कमाई की जरिया जो थी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला पंचायत की आय बढ़ाना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है। इसक्रम में चेयरमैन ने बताया कि शॉपिंग कॉम्पलेक्स,  बारात घर का निर्माण प्रस्‍तावित है। फिर जिला पंचायत मुख्यालय के पुराने भवन की जगह बहुमंजिले भवन निर्माण का प्रस्ताव भी शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया है।

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