बसपा सांसद अतुल राय यौन शोषण मामले में बाइज्जत बरी

गाजीपुर। बसपा के घोसी सांसद अतुल राय यौन शोषण के मामले में बाइज्जत बरी हो गए। इस आशय का फैसला एमपी-एमएलए कोर्ट, वाराणसी शनिवार को सुनाई।
अतुल राय के विरुद्ध वाराणसी के लंका थाने में मई 2019 में इस मामले की एफआईआर दर्ज हुई थी। उसके बाद 22 जून 2022 को वह वाराणसी की सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जेल चले गए थे और इन दिनों वह नैनी जेल में निरुद्ध हैं। हालांकि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अतुल राय के समर्थक घोसी (मऊ) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अभियान जारी रखे। यहां तक कि बसपा सुप्रीमो मायावती उनके पक्ष में चट्टान की तरह खड़ी रहीं। मायावती न सिर्फ ट्वीट कर अतुल राय को बेकसूर बताते हुए उनके विरुद्ध एफआईआर को राजनीतिक साजिश बताई थीं। बल्कि चुनाव अभियान के दौरान अतुल राय के समर्थन में मायावती मऊ पहुंच कर चुनावी रैली भी की थीं। अतुल राय ने शानदार जीत दर्ज कराई थी। फिर हाईकोर्ट से पैरोल लेकर 31 जनवरी 2020 को वह लोकसभा में पहुंच कर सदस्यता की शपथ भी लिए थे।
उधर आरोप लगाने वाली युवती अपने पुरुष मित्र के साथ पिछले साल 17 अगस्त को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह कर ली थी। उसके बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस अतुल राय को अक्टूबर 2021 में गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध कर दी।
अतुल राय के यौन उत्पीड़न में फंसने के बाद राजनीतिक विरोधी अतुल राय के राजनीतिक अध्याय को खत्म मान लिए थे मगर अब जबकि अतुल राय यौन शोषण में बाइज्जत बरी हो गए हैं तो उनके राजनीतिक विरोधियों के गलियारे में सन्नाटा खींच गया है जबकि उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है। अतुल राय के एक निकटस्थ सूत्र ने बताया कि वाराणसी में गैंगस्टर का मामला भी कथित यौन शोषण के मामले के चलते ही दर्ज हुआ था मगर अब यौन शोषण का मामला ही खत्म हो गया तो गैंगस्टर के आरोप का कोई औचित्य नहीं रहेगा। अलबत्ता एक मामला अतुल राय के विरुद्ध लखनऊ में भी दर्ज है। उसमें रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर पीड़िता को लेकर सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का आरोप है और उस मामले में अतुल राय साजिकर्ता के रूप में दर्ज है मगर इसमें भी अतुल राय को इंसाफ मिलेगा और वह शीघ्र ही अपनों के बीच होंगे।