भाजपा नेता के हत्यारे को उम्र कैद, दूसरा भगौड़ा घोषित

गाजीपुर। भाजपा नेता सभाजीत सिंह के बहुचर्चित हत्याकांड में सोमवार को कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आया। एडीजे (तृतीय) डॉ. लक्ष्मीकांत राठौर ने आरोपित यशवंत सिंह को बामशक्कत उम्र कैद और एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जबकि सजा सुनाते वक्त नामौजूद दूसरे आरोपित आनंद सिंह को फरार घोषित कर दिया। मुकदमे की सुनवाई में अभियोजन की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने पैरवी की।
सभाजीत सिंह की हत्या उनके ही गांव मंझनपुर कला थाना भुड़कुड़ा में दिनदहाड़े छह जुलाइ 2007 को हुई थी। तब वह घर के पास स्थित शिवमंदिर में पूजा कर लौट रहे थे। रास्ते में पहले से ही घात लगाए गांव के ही आनंद सिंह तथा उसके भाई धीरज सिंह व बहनोई यशवंत सिंह ने उन पर गोलियां दाग दी थी। उसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। कुछ दिन बाद तीनों अभियुक्त जिला जेल चले गए थे लेकिन कुछ ही दिनों बाद दोनों भाई आनंद सिंह तथा धीरज सिंह जेल की चहारदीवारी फांद कर फरार हो गए थे।
उसके बाद वह अपराध में सक्रिय हो गए थे। उसी क्रम में 18 अप्रैल 2012 को मऊ जिले के चिरैयाकोट थानांतर्गत कर्मी गांव में दिनदहाड़े हुई पुलिस मुठभेड़ में धीरज सिंह ढेर कर दिया गया था। उस मुठभेड़ में तत्कालीन एसएचओ चिरैयाकोट भी शहीद हुए थे जबकि उसके पहले आनंद सिंह गिरफ्तार कर दोबारा जेल पहुंचा दिया गया था। बाद में बहनोई संग वह जमानत पर जेल से बाहर आ गया था।
मुकदमें की सुनवाई के दौरान अपर शासकीय अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कुल 14 गवाह पेश किए। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों के परीक्षण के बाद दोनों अभियुक्तों को कसूरवार करार दिया। उस वक्त आरोपित यशवंत सिंह ही कोर्ट में मौजूद था। लिहाजा न्यायाधीश ने नामौजूद आनंद सिंह को फरार घोषित कर दिया।
मालूम हो कि सभाजीत सिंह की हत्या से राजनीतिक हलके में भी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। तब के वरिष्ठ भाजपा नेता व जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह ने इसे अहम मुद्दा बना दिया था। सभाजीत सिंह उस वक्त भाजपा किसान मोर्चा के जिला मंत्री थे। उनके निधन की खबर मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ भी शोक व्यक्त करने उनके घर पहुंचे थे। यहां तक कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ स्व. सभाजीत सिंह की दोनों पुत्रियों के विवाह समारोह में भी आना नहीं भूले। इससे स्पष्ट है कि स्व. सभाजीत सिंह के परिवार से योगी आदित्यनाथ का आत्मीय लगाव है।
हालांकि स्व. सभाजीत सिंह का परिवार उनके हत्यारों को कोर्ट से सजा दिलवाने में शुरू से निडर होकर लगा रहा। उनके छोटे भाई श्रीराम सिंह वर्तमान में आरएसएस के प्रांतीय प्रचारक हैं और कानपुर में पदस्थापित हैं।