ब्रेकिंग न्यूजशिक्षा

एक अध्ययन प्रस्तुति: यूपी बोर्ड और स्कूल प्रबंधन के स्याह-सफेद रिश्ते पर प्रकाश डालती पुस्तक

पुस्तक समीक्षा

गाजीपुर। लेखक ने इस पुस्तक में निर्धारित कानूनी पहलुओं के अंतर्गत यह सिद्ध करने की कोशिश की है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद और विद्यालय प्रबंध समिति के बीच एक संविदात्मक संबंध है। न कि विद्यालय पर परिषद का अपने अधिकारियों के माध्यम से प्रशासन का।

लेखक ने स्थापित कानून का सहारा ले कर यह भी सिद्ध किया है कि माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधन एवं संचालन का अधिकार मात्र प्रबंध समिति को है और एक मात्र स्वीकृत प्रशासन योजना के अनुसार विद्यालयों का प्रबंधन एवं संचालन उनकी प्रबंध समितियों को करना है। यही उसके लिए अधिनियम एवं विनिमय है। माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 तथा उसके विनियम माध्यमिक विद्यालयों के लिए नहीं है। बल्कि वह परिषद के खुद के कार्य एवं कार्यपद्धति के लिए है। उसे लेखक ने बखूबी स्पष्ट कर दिया है।

यह पुस्तक विद्यालय प्रबंध समितियों के लिए बहुत उपयोगी है, जो यह स्पष्ट करती है कि प्रबंध समितियों को कौन–कौन से अधिकार हैं और उन्हें कैसे प्रबंधन करना चाहिए। पुस्तक के एक हिस्से में लेखक ने प्रशासन योजना का मॉडल भी प्रस्तुत किया है। प्रबंध समितियां प्रशासन योजना के लिए उस मॉडल का इस्तेमाल कर सकती है।

लेखक ने इस पुस्तक में वेतन वितरण अधिनियम 1971 की बड़ी भूल की ओर भी ध्यान खिंचते हुए बताया है कि इसकी आड़ में किस तरह विभागीय अधिकारी प्रबंध समितियों के विरुद्ध गलत आदेश पारित कर उनके प्रशासनिक कामकाज में रोड़ा डालते हैं।

कुल मिलाकर यह पुस्तक प्रदेश माध्यमिक शिक्षा से संबद्ध शासकीय सहायता प्राप्त और गैर शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधन में यह पुस्तक अति उपयोगी है।– नीरज कुमार

पुस्तक- उत्तर प्रदेश के मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के प्रबंध समिति के उद्बोध हेतु एक अध्ययन प्रस्तुति

लेखक- अवधेश कुमार राय (एडवोकेट)

प्रकाशक एवं मुद्रक- श्री विनायक प्रेस चंद्रशेखर नगर रौजा, गाजीपुर

मूल्य- 225 रुपये मात्र

लेखक का संपर्क नंबर- 9415376861, 991992004, 33-न्यू आमघाट सहकारी कॉलोनी, गाजीपुर 233001

आजकल समाचार’ की खबरों के लिए नोटिफिकेशन एलाऊ करें

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker