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वृद्ध ने बगीचे में लगाई फांसी, मामला बहरियाबाद का

गाजीपुर। अपने पड़ोसी को शनिवार की सुबह यह बताकर कि अब ऊपर जा रहे हैं और वह चले गए। उसके कुछ ही घंटे बाद घर से कुछ ही दूर सुभाष विद्या मंदिर डिग्री कालेज के उत्तर सड़क किनारे बगीचे में अमरूद की डाल से उनका शव लटकता मिला। मृत कैलाश सिंह (60) बहरियाबाद थाना क्षेत्र के हुसेनपुर गांव में परिवार संग रहते थे। पुलिस उनकी मौत को प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला मान रही है। शव साड़ी के टुकड़े के फंदे से लटक रहा था। उनकी जीभ, आंखें बाहर निकली थीं।

मौके पर पहुंची कैलाश सिंह की पत्नी गीता के मुताबिक सुबह उठने के बाद वह बिल्कुल सामान्य थे। करीब आठ बजे खुद चाय बनाए और उनको भी दिए। उसके बाद वह दस बजे घर से निकले। पड़ोसी रिटायर पुलिस कर्मी शिवपूजन यादव के टोकने पर बताए कि वह अब ऊपर जा रहे हैं। शिवपूजन उनके उस जवाब को सामान्य रूप में लिए लेकिन कुछ देर बाद उनके शव की सूचना मिली तो वह भी सन्न रह गए।

कैलाश सिंह करीब 12 साल पहले प्राइवेट कंपनी की नौकरी से स्थाई रूप से अपने पैतृक गांव लारपुर लौटे। अलग मकान बनाने के लिए परिवार के अन्य सदस्यों ने भूखंड देने से साफ मना कर दिया तब वह बगल के गांव हुसेनपुर में सड़क किनारे भूखंड खरीद कर मकान बनवाए और अपनी पत्नी, दो बेटों रोहित, रोशन तथा बेटी रूमी संग रहने लगे। रोहित तथा रूमी की उन्होंने शादी भी कर दी। रोहित व रोशन बाहर किसी निजी कंपनी में ही काम करते हैं। बहू करीब एक माह पहले मायके गई। लिहाजा इन दिनों कैलाश अपनी पत्नी संग घर पर थे।

कैलाश की पत्नी गीता ने बताया कि पैतृक संपत्ति में हिस्सा न मिलने का उन्हें मलाल था। वह बार-बार कहते भी थे कि हिस्सा नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेंगे। सवाल उठा कि आखिर कैलाश को फांसी का फंदा बनाने के लिए साड़ी का टुकड़ा कहां से मिला। इस बाबत घटनास्थल के आसपास रहने वालों ने बताया कि काफी दिनों से साड़ी का वह टुकड़ा बागीचे में एक पेड़ में लिपटा था। हालांकि इस मामले में बहरियाबाद पुलिस को देर शाम तक कोई तहरीर नहीं मिली थी।

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