हत्या और लूट में वांटेड बदमाश अपने साथी संग गिरफ्तार, सिर पर था 25 हजार का इनाम

गाजीपुर। बरेसर पुलिस और स्वाट टीम को बुधवार की रात करीब दो बजे संयुक्त कार्रवाई में बड़ी कामयाबी मिली। लूट और हत्या में वांछित 25 हजार का इनामी बदमाश रामअवध राजभर उर्फ शेरू अपने साथी राहुल राय के साथ दबोचा गया।
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पुलिस कप्तान डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने शुक्रवार की दोपहर दोनों को मीडिया के सामने पेश किया। बताए कि यह कामयाबी बरेसर थाना क्षेत्र के तिराहीपुर हनुमान मंदिर के पास हुई मुठभेड़ में मिली। दोनों बदमाशों के कब्जे से नाइन एमएम सहित दो पिस्टल, लूट की बाइक और एक लाख रुपये बरामद हुए। पूछताछ में दोनों बदमाशों ने कबूला है कि 15 अक्टूबर को बैंक से रुपये निकाल कर घर परानपुर थाना मुहम्मदाबाद लौट रहे बैंक मित्र रामसंत यादव को बरेसर थाना के अतौली के पास रोक कर असलहे के बल पर उनके तीन लाख 40 हजार नकद लूटे थे। लूट के बाद भागते वक्त रास्ते में परसा-तिराहीपुर मार्ग स्थित काशी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल गेट के पास उनकी बाइक खराब हो गई। तब वह अपनी बाइक रोक कर उस पर बैठे युवक सूर्यभान चौहान निवासी चौथी बांध पर उनकी नजर पड़ी। वह उन्हें गोली मार कर उनकी बाइक हथिया लिए और उससे भाग निकले थे। मौके पर वह अपनी बाइक छोड़ दिए थे। वह बाइक उन लोगों ने घटना से दो दिन पहले बरेसर चट्टी से चुराई थी।
पुलिस कप्तान ने बताया कि बदमाशों ने थाना नोनहरा के अटवां मोड़ के पास एक अन्य व्यक्ति का 20 हजार रुपये लूटेने के अलावा थाना मरदह के कबीरपुर गांव में 21 नवंबर को मध्यप्रदेश पुलिस के दारोगा के पुत्र शनि गौतम को गोली मारने का जुर्म भी कबूला है। शनि गौतम को उन लोगों ने जेल के साथी रवि सिंह उर्फ चंदन सिंह के कहने पर गोली मारी थी।
पुलिस कप्तान ने बताया कि इन दोनों बदमाशों संग हुई मुठभेड़ में पुलिस टीम की अगुवाई एसओ बरेसर संजय कुमार तथा स्वाट टीम के इंचार्ज श्यामजी यादव कर रहे थे।
गिरफ्त में आया इनामी बदमाश रामअवध राजभर उर्फ शेरू थाना बरेसर के ही रेंगा गाव का रहने वाला है। उसके विरुद्ध लूट, हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट के कुल 14 मामले दर्ज हैं। इनमें छह बरेसर, एक कासिमाबाद और शेष बलिया के रसड़ा थाने के हैं जबकि उसका साथी राहुल राय जमानियां थाने के देवरिया गांव का है। उसके विरुद्ध भी हत्या, लूट, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट, अपहरण के कुल 14 मामले शहर कोतवाली, जमानियां, नंदगंज तथा बरेसर थाने में पंजीकृत हैं। राहुल कुख्यात शिवा बिंद गैंग के लिए भी काम कर चुका है। वह कुछ माह पहले जमानत पर जेल से बाहर आया था।