सांसद अतुल राय प्रकरण: कथित पीड़िता जालसाज! एफआईआर का आदेश

गाजीपुर। सांसद घोसी अतुल राय के हाईप्रोफाइल मामले में एक नया ट्वीस्ट आया है। कथित पीड़िता और उसके साथी पर जालसाजी की केस दर्ज होगी। इस आशय का आदेश सीजेएम वाराणसी ने सोमवार को दिया।
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सांसद के भाई पवन सिंह ने सीजेएम वाराणसी कोर्ट में 30 अक्टूबर को अर्जी देते हुए आरोप लगाया था कि उनके सांसद भाई के विरुद्ध दुष्कर्म और धोखाधड़ी का झूठा मामला वाराणसी के लंका थाने में दर्ज कराने वाली युवती और उसके साथी सत्यम प्रकाश राय हनी ट्रैपिंग और झूठे मामले दर्ज कराने में पहले से ही लिप्त हैं। यह दोनों यूपी कॉलेज वाराणसी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अमृतेश सिंह सब्बल के विरुद्ध साल 2015 में वाराणसी के शिवपुर थाने में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराए थे मगर बाद में सौदेबाजी कर कोर्ट में अपने ही आरोप से साफ मुकर गए थे। उस मामले में अपनी उम्र की प्रमाणिकता के लिए पीड़िता हाई स्कूल का अंकपत्र प्रस्तुत की थी। उसमें उसने अपनी जन्म तिथि 10 मार्च 1997 दर्शायी थी जबकि पिछले साल सांसद घोसी अतुल राय के विरुद्ध वाराणसी के लंका थाने में दर्ज दुष्कर्म के झूठे मामले में कथित पीड़िता की ओर से उपलब्ध कराए गए हाईस्कूल के अंकपत्र में दर्शायी गई जन्म तिथि 10 जून 1997 है। इस तरह जालसाजी कर वह कथित पीड़िता अपने साथी संग मिल कर लोगों को झूठे मामलों में फंसाती है और फिर सौदेबाजी करती है।
पवन सिंह ने धारा 156 (3) के तहत सीजेएम वाराणसी की कोर्ट में दी गई अपनी अर्जी में यह भी बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत कैंट थाना सहित वाराणसी के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से भी की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ।
सीजेएम वाराणसी ने पवन सिंह की अर्जी पर विचारण और उनकी ओर से कथित पीड़िता के अंक पत्र में जालसाजी के पेश किए गए सबूतों के अवलोकन के बाद एसएचओ कैंट को आदेशित किया कि वह वादी पवन सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर उसकी प्रति कोर्ट में भी प्रस्तुत करें।
कथित पीड़िता बलिया के नरहीं थानांतर्गत कोटवां नारायणपुर की रहने वाली है और उसका साथी सत्यम प्रकाश राय गाजीपुर के थाना भांवरकोल स्थित सियाड़ी गांव का है जबकि सांसद घोसी अतुल राय भी मूलत: भांवरकोल थाने के वीरपुर गांव के निवासी हैं और वह कथित पीड़िता की ओर से दर्ज कराए गए मामले में इन दिनों नैनी जेल में निरुद्ध हैं।