मुख्तार के ‘मेडिकल दांव’ का पुलिस ‘कानूनी पैंतरे’ से देगी जवाब

गाजीपुर। पंजाब की रोपड़ जेल में निरुद्ध बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लाने के लिए यूपी पुलिस कोई कोर कसर छोड़ने के मूड में नहीं हैं। मुख्तार के ‘मेडिकल दांव’ का जवाब वह कानूनी पैंतरे से देने की तैयारी में है। मुख्तार को सशरीर पेश करने के लिए प्रदेश की विभिन्न अदालतों से वारंट जारी हैं।
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गाजीपुर की मुहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज असलहे के लाइसेंस में फर्जीवाड़े का मामला एमपी—एमएलए कोर्ट प्रयागराज में विचाराधीन है। वहां से गाजीपुर पुलिस को आदेशित किया गया था कि मुख्तार को 21 अक्टूबर को पेश किया जाए। उस आदेश के तहत गाजीपुर पुलिस की टीम एक इंस्पेक्टर की अगुवाई में रोपड़ पहुंच गई थी मगर रोपड़ जेल अधिकारियों ने उसे मुख्तार को सौंपने से साफ मना कर दिया। बताया कि मुख्तार की तबीयत बेहद नासाज है। चिकित्सकों ने उन्हें तीन माह के कंपलीट बेड रेस्ट की सलाह दी है। रोपड़ जेल के अधिकारियों ने अपनी बात की पुष्टि के लिए मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट भी पेश की। लिहाजा गाजीपुर पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा था। उसके बाद आजमगढ़ गैंगस्टर कोर्ट से मुख्तार को पेश करने का फरमान जारी हुआ। नीयत तारीख को मुख्तार के वकीलों ने पंजाब की मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गैरहाजिरी माफी की अर्जी दे दी। उसके बाद आजमगढ़ पुलिस एक बार फिर कोशिश कर गैंगस्टर कोर्ट का आदेश लेकर सीधे पंजाब की रोपड़ जेल पहुंच गई। वहां वही हुआ जो गाजीपुर पुलिस के साथ हुआ था। रोपड़ जेल के अधिकारियों ने चंडीगढ़ पीजीआई की मेडिकल रिपोर्ट पेश कर बताया कि मुख्तार को और चार सप्ताह के बेड रेस्ट को कहा है। जाहिर था कि आजमगढ़ पुलिस को भी खाली हाथ लौटना पड़ा।
डीआईजी आजमगढ़ सुभाष दूबे मानते हैं कि मुख्तार कोर्ट में पेश नहीं होना चाहते। इसके लिए वह मेडिकल ग्राउंड का सहारा ले रहे हैं। इस दशा में पुलिस महकमा भी अपने लीगल सेल के साथ ही सरकारी वकीलों से कानूनी मशविरा ले रहा है। ताकि मुख्तार को आजमगढ़ गैंगस्टर कोर्ट में उसके आदेश के तहत पेश किया जाए और वहां लंबित मामले की कार्यवाही समय से पूरी कराई जा सके। मालूम हो कि आजमगढ़ के तरवां थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध हैं।