अब बारी मेराज की, वाराणसी के घर का बड़ा हिस्सा ध्वस्त

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी से जुड़े लोगों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। खबर है कि गुरुवार को मुख्तार के करीबी मेराज खां के वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित अशोक विहार कॉलोनी (प्रथम चरण) के आवास के ऊपरी तल के निर्माण को ध्वस्त कर दिया। इसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण(वीडीए) के अधिकारी काफी तादात में पुलिस फोर्स लेकर पहुंचे थे।
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मिली खबर के मुताबिक दस्ते को शुरू में मेराज के परिवार की महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन पुलिस फोर्स में शामिल महिला पुलिस कर्मियों ने उन्हें अपने अंदाज में शांत करा दिया।
वीडीए में स्वीकृत नक्शे का अतिक्रमण कर घर के भूतल में कुछ हिस्से सहित ऊपर के तल पर हुए निर्माण के आरोप में मेराज को पहले नोटिस दी गई। बावजूद उस अवैध निर्माण को मेराज परिवार ने नहीं तोड़वाया। लिहाजा इस काम के लिए पूरा लावलश्कर लेकर वीडीए के अधिकारी खुद मौके पर पहुंच गए।
महेंद का रहने वाला है मेराज
मेराज खां मूलतः गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाने के महेंद गांव की बिचली पट्टी का रहने वाला है। अंडरवर्ल्ड में वह मेराज भाई के नाम से जाना जाता है। किसी वक्त वह माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी से सीधे जुड़ा था और कहते हैं कि मुन्ना बजरंगी की काली कमाई का प्रबंधन संभालता था लेकिन जब मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या हो गई तब वह पलटी मार लिया। अंडरवर्ल्ड में माउथ मीडिया के जरिये वह खुद यह बात फैलाया कि मुन्ना बजरंगी की हत्या उसने ही कराई। अंडरवर्ल्ड में उसके हवाले से आई इस बात में कितना दम रहा। यह तो नहीं मालूम लेकिन इधर वह मुख्तार अंसारी के और करीब जरूर आ गया। वैसे मेराज खां को करीब से जानने वाले तो बताते हैं कि वह पहले से मुख्तार से जुड़ा रहा है। लोकसभा के 2009 के चुनाव में मुख्तार जब वाराणसी सीट से चुनाव लड़े थे तब वह उनके अभियान में सक्रियता के साथ लगा था। मेराज इन दिनों वाराणसी चौकाघाट जेल में है। उस पर अपने असलहों के लाइसेंस के नवीनीकरण में फर्जीवाड़ा का केस वाराणसी के जैतपुरा थाने में दर्ज हुआ था। उसके बाद वह फरार हो गया था मगर बाद में उसने जैतपुरा थाने की ही सरैया पुलिस चौकी पर सरेंडर कर दिया था।