पिटती मां को बचाने की कोशिश में शराबी पिता को सुला दिया मौत की नींद, गुमनाम फोन ने खोला राज

गाजीपुर। एक गुमनाम फोन आने पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसके होश उड़ गए। घर के आंगन में गृह स्वामी की लाश दफन थी।
यह किस्सा करीमुद्दीनपुर थाने के बिरभानपुर गांव का है। पूछताछ में गृह स्वामी रामआशीष मिश्र (46) के इकलौते पुत्र राहुल ने जो कुछ बताया उसे सुन मौके पर मौजूद ग्रामीणों में उसके लिए सहानुभूति जाग गई। पुलिस कर्मियों में भी उसके लिए हमदर्दी दिखी लेकिन कानून की मजबूरी के कारण उन्हें राहुल को गिरफ्तार करना पड़ा। एसएचओ कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि युवक की गिरफ्तारी हत्या और साक्ष्य मिटाने की कोशिश के आरोप में की गई। हत्या शनिवार की रात में हुई थी।
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रविवार की शाम करीब तीन बजे पुलिस को किसी गुमनाम शख्स ने फोन कर बताया कि रामआशीष की लाश उसके घर के आंगन में दफनाई गई है। पुलिस मौके पर पहुंची तो घर के आंगन में ताजे खुदे गड्ढे पर उसकी नजर पड़ी। गड्ढे को भरने के बाद उस पर ईंटें बिछा दी गईं थीं। पुलिस ने गड्ढे की ईंट और मिट्टी निकलवाई तो रामआशीष की लाश मिली।
इन परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से साफ था कि रामआशीष की मौत और लाश दफन करने में उनका परिवार भी राजदार था। इस आधार पर रामआशीष के बेटे राहुल से पूछताछ शुरू हुई। वह बिना हुज्जत पुरा किस्सा बयां करता चला गया। बताया कि उसका पिता रामआशीष शराब का घोर लती था। अपने नशे की पूर्ति के सिवाय उसे कुछ नहीं सुझता था। यहां तक कि अपनी बेटी की शादी के लिए बैंक में जमा रुपये भी शराब पर खर्च करने लगा था। इसके लिए टोकने पर घर में मारपीट शुरू कर देता था। नशे की दशा में मामूली बातों को लेकर भी वह पत्नी तथा संतानों को मारने पीटने लगता था। यह लगभग रोज की बात थी।
घटना की रात भी वह अपनी पत्नी पर हमलावर हो गया। यह देख बेटा राहुल मां के बचाव में आगे आया। रामआशीष उससे उलझ गया। उसी बीच राहुल के धक्के से रामआशीष गिर पड़ा। सिर में गहरी चोट के कारण कुछ ही देर में रामआशीष के प्राण छूट गए।

अपने पिता की मौत से राहुल सहित पूरा परिवार घबरा गया। अंत में इस पर पर्दा डालने के लिए राहुल ने घर के आंगन में ही लाश को दफन करने का फैसला किया। खुद गड्ढा खोदा और लाश को घसीट कर उसमें डालने के बाद ऊपर से मिट्टी और ईंट डाल दिया था। राहुल गांव के पास ही एक कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष का छात्र है।