गाजीपुर की धरती का सपूत, अब देश की न्याय-व्यवस्था का नया सितारा
सर्वोच्च न्यायालय में भारत सरकार के अधिवक्ता बने शुभम सिंह

गाजीपुर की पवित्र माटी में जन्मे और देशभर में अपनी प्रतिभा का परचम लहराने वाले शुभम सिंह अब सर्वोच्च न्यायालय में भारत सरकार के अधिवक्ता (Government Counsel) के रूप में नई भूमिका में नज़र आएंगे।
यह नियुक्ति सिर्फ एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूर्वांचल की आत्मा, युवा शक्ति की आशा और भारतीय न्याय व्यवस्था के उज्जवल भविष्य की कहानी है।
एक साधारण गाँव से सर्वोच्च न्यायालय तक का सफ़र
खड़वाडीह, जनपद गाजीपुर के मूल निवासी शुभम सिंह—जिनके पिता श्री चंद्र प्रकाश सिंह उर्फ़ भानू सिंह समाज में सम्मानित नाम हैं—ने अपनी मेहनत, लगन और नैतिक मूल्यों से वह मुकाम हासिल किया है, जिस पर पूरे क्षेत्र को गर्व है।
दिल्ली के कॉन्वेंट स्कूल से शिक्षा की शुरुआत,
दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा से स्नातकोत्तर— हर पड़ाव पर उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन ने उन्हें निखारा।
छात्र जीवन से ही विधि, नीति-निर्माण और सामाजिक नेतृत्व में उनकी पैठ ने आज उनके सफ़र को नई ऊँचाई दी है।
भारत का युवा चेहरा बनकर दुनिया के सामने रखा सम्मान
साल 2017 में भारत सरकार ने उन्हें युवा सांस्कृतिक राजदूत बनाकर रूस के सोची में आयोजित वर्ल्ड यूथ फेस्टिवल में भेजा।
190 देशों के युवाओं के बीच शुभम सिंह ने भारत की संस्कृति, लोकतांत्रिक मूल्यों और युवा नेतृत्व की चमकदार तस्वीर पेश की।
यह वह क्षण था जब दुनिया ने भारत के एक उभरते युवा नेता को पहचानना शुरू किया।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय नेतृत्व
भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में शुभम ने युवाओं को नीति-निर्माण से जोड़ने, संगठन को मजबूत बनाने और सामाजिक मु्द्दों पर लोगों को जागरूक करने में बड़ा योगदान दिया है।
उनकी शांत, संतुलित और दूरदर्शी कार्यशैली हमेशा पार्टी नेतृत्व की नजर में रही है।
सर्वोच्च न्यायालय में नई जिम्मेदारी — एक वादा, एक संकल्प
भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किए जाने पर शुभम सिंह ने कहा—
“यह सम्मान मेरे लिए सेवा का अवसर है। मैं न्याय और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए पूरी निष्ठा से अपना योगदान दूँगा। भारत सरकार और कानूनी मंत्रालय का हृदय से आभारी हूँ।”
उनकी यह विनम्रता ही बताती है कि वे सिर्फ पद के नहीं, बल्कि जिम्मेदारी के भी योग्य हैं।
गाजीपुर और पूर्वांचल में खुशी की लहर
शुभम सिंह की इस उपलब्धि से गाज़ीपुर, दिल्ली और पूरे पूर्वांचल में उत्साह का माहौल है।
सामाजिक संगठनों, राजनीतिक साथियों, शिक्षकों और युवा वर्ग ने कहा— यह तो बस शुरुआत है, शुभम सिंह भारत की न्याय व्यवस्था को नई दिशा देंगे।



