कोहरे की ठंड में भी चलती रही सतर्कता की रेल—DRM आशीष जैन ने वाराणसी सिटी–युसुफ़पुर रेलखंड का किया बारीकी से निरीक्षण

गाजीपुर / वाराणसी : ठंड और कोहरे के मौसम में यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी छोटी से छोटी बारीकियों को सुनिश्चित करने के लिए वाराणसी मंडल रेल प्रबंधक आशीष जैन सोमवार को अपनी टीम के साथ वाराणसी सिटी–युसुफ़पुर रेलखंड पर उतर पड़े। यह निरीक्षण सिर्फ औपचारिकता नहीं था, बल्कि उस सतर्कता और जिम्मेदारी की तस्वीर थी, जो ठंड में रेल परिचालन को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है।
निरीक्षण दल में प्रमुख मंडलीय अधिकारी—पंकज केशरवानी, विनीत कुमार, रजत प्रिय, बालेन्द्र पाल और अभिषेक राय समेत कई निरीक्षक शामिल रहे, जिन्होंने अलग-अलग स्टेशनों और तकनीकी व्यवस्थाओं का गहन परीक्षण किया।
अंकुशपुर स्टेशन: शुरुआत ही सख्त निरीक्षण से –
अंकुशपुर में पहुंचते ही DRM ने स्टेशन पैनल, ब्लॉक उपकरण, पैदल पुल, प्लेटफॉर्म और नए बनाए गए टीन शेड की जमीनी समीक्षा की। स्टोर रूम में पड़े वर्षों पुराने कबाड़ पर नाराजगी जताते हुए तत्काल निस्तारण का निर्देश दिया—ताकि स्टेशन साफ-सुथरा रहे और कार्यक्षमता में बाधा न आए।
युसुफ़पुर स्टेशन: तकनीकी संरक्षा की परतें खोलीं –
SPIC यान से युसुफ़पुर पहुंचकर DRM आशीष जैन ने यहां की तकनीकी धड़कनें—VDU पैनल, रिले रूम, एक्सल काउंटर, लॉक एंड ब्लॉक सिस्टम, डेटा लॉगर जैसी संरक्षा प्रणालियों को खुद चलाकर और पढ़कर जांचा। विफलता, अनुरक्षण और चाबी हस्तांतरण जैसे अभिलेखों की गहरी पड़ताल की गई।
यहां व्यापारी प्रतिनिधियों से मुलाकात कर ट्रेन ठहराव से जुड़ी मांगें भी सुनीं।
गाजीपुर सिटी: निरीक्षण का सबसे अहम पड़ाव –
गाजीपुर सिटी स्टेशन पर निरीक्षण सबसे व्यापक रहा। प्लेटफॉर्म, पैदल ओवरब्रिज, जल निकासी, फूड स्टॉल, सर्कुलेटिंग एरिया, प्रतीक्षालय—हर बिंदु को DRM ने जमीन पर खड़े होकर जांचा।
अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति देखी गई और कार्यों को तय समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करने के कड़े निर्देश दिए गए।
यहां पॉइंट नंबर 218A एवं B का गेज परीक्षण हुआ, यार्ड व्यवस्था, प्लेटफॉर्म शेड विस्तार, रेलवे कॉलोनी की स्थिति और कूड़ा निस्तारण की समीक्षा की गई।
लिनन गुणवत्ता: DRM का खास फोकस –
गाजीपुर सिटी स्थित मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री में DRM ने स्वयं बेडशीट, तकिया कवर और कंबल की गुणवत्ता को हाथ में लेकर परखा। उन्होंने निर्देश दिया कि हर यात्री को साफ, स्वच्छ और मानक के अनुरूप लिनन ही मिले—यात्री सुविधा से किसी भी प्रकार का समझौता न हो।
पूरे रेलखंड पर सतर्कता की सुई चली –
ट्रैक की बैलास्टिंग, सिग्नल दृश्यता, झाड़ी कटान, ओवरहेड वायरिंग, कौशन ऑर्डर और फिटिंग्स—हर सुरक्षा पहलू को गहराई से जांचा गया। निरीक्षण का संदेश स्पष्ट था—कोहरा हो या ठंड, संरक्षा सर्वोपरि है।
DRM का संदेश –
आशीष जैन ने कहा कि इस मौसम में रेल परिचालन चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन रेलवे की टीम हर स्तर पर तैयार है। स्वच्छता, यात्री सुविधा और सुरक्षित यात्रा—इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है।
यह विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण न सिर्फ औपचारिक प्रक्रिया थी, बल्कि यह भरोसा भी कि आने वाले कठिन मौसम में वाराणसी–गाजीपुर–युसुफ़पुर रेलखंड पहले से अधिक सुरक्षित, व्यवस्थित और यात्री-केंद्रित होगा।



