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गाजीपुर में योगी आदित्यनाथ का दौरा: सिद्धपीठ की आध्यात्मिक ऊर्जा और जननायक अरुण सिंह की राजनीतिक गरिमा एक साथ दिखी

गाज़ीपुर। 11 अक्टूबर 2025 गाजीपुर आज आध्यात्मिक आस्था, राजनीतिक ऊर्जा और सामाजिक एकता का साक्षी बना, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने अपने एकदिवसीय दौरे के दौरान सिद्धपीठ हथियाराम मठ में पूजन-अर्चन, प्रबुद्ध जनों से संवाद, और महंत रामआश्रय दास पी.जी. कॉलेज, भुड़कुड़ा में मूर्ति अनावरण कर गाजीपुर को गौरव से भर दिया।

मुख्यमंत्री ने मठ में वृद्धम्बिका माता (बुढ़िया देवी माता) की आराधना कर प्रदेश की सुख-शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि यह सिद्धपीठ सदियों से आस्था, आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक एकता का केंद्र रहा है।

प्रबुद्ध जनों से संवाद: विकास और समरसता पर मंथन –

सिद्धपीठ परिसर में आयोजित संवाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सैनिक परंपरा की सराहना करते हुए कहा कि

“गाजीपुर त्रेता युग से आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रहा है, यह जनपद परंपरा और पराक्रम दोनों का संगम है।”

 

उन्होंने संस्कृति, शिक्षा, सुरक्षा और विकास को जोड़ने वाली नीति को “समृद्ध समाज का मूल मंत्र” बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपराध और माफिया प्रवृत्ति पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर उत्तर प्रदेश को सुरक्षित, समृद्ध और संस्कारित राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत है।

महंत रामआश्रय दास जी की मूर्ति का अनावरण: शिक्षा और समाजसेवा को नमन –

भुड़कुड़ा स्थित महंत रामआश्रय दास पी.जी. कॉलेज में मुख्यमंत्री ने “एक पेड़ माँ के नाम 2.0” अभियान के अंतर्गत रुद्राक्ष का पौधरोपण किया और महंत रामआश्रय दास जी की प्रतिमा का अनावरण किया।

उन्होंने कहा—

“महंत रामआश्रय दास जी का जीवन शिक्षा, सेवा और संस्कार का प्रतीक है। उनका आदर्श समाज को नई दिशा देता रहेगा।”

 

मुख्यमंत्री ने गाजीपुर को “विकसित भारत 2047” के सपने में एक मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि शिक्षा से ही आत्मनिर्भर गाजीपुर और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा।

मंच पर गूंजा नाम — ‘अरुण सिंह’: भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का क्षण –

कार्यक्रम के दौरान जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण सिंह का नाम मंच से सम्मानपूर्वक लिया, तो पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। उनके इस उल्लेख ने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी। मंच पर बैठे अनेक भाजपा नेताओं की आंखों में गर्व और उत्साह झलक रहा था, जबकि कुछ “परजीवी और आयातित नेता” असहज नजर आए — जैसे किसी ने संघर्ष और निष्ठा की असली पहचान दिखा दी हो।

अरुण सिंह का यह क्षण भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रहा।
उनका कहना था —

“योगी जी ने जो सम्मान दिया है, वह मेरे लिए नहीं, बल्कि हर उस कार्यकर्ता के लिए है जो बिना स्वार्थ संगठन के लिए दिन-रात समर्पित है। गाजीपुर भाजपा के इतिहास में यह दिन संगठन की आत्मा को पुनः जगाने वाला दिन बन गया है।”

शहीदों को श्रद्धांजलि और विशिष्ट जनों का सम्मान –

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गाजीपुर के वीर पुत्रों परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद और महावीर चक्र विजेता रामउग्रह पाण्डेय के परिजनों का सम्मान किया। साथ ही, प्रांत प्रचारक श्री राम सिंह की माता रुक्मिणी देवी को भी अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर नमन किया।

गाजीपुर की आत्मा को छूने वाला दौरा –

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दौरा आस्था, राष्ट्रवाद और विकास का अद्भुत संगम रहा।
जहाँ एक ओर मठों की घंटियों में आध्यात्मिकता गूंजी, वहीं दूसरी ओर अरुण सिंह जैसे जननेता के उल्लेख ने राजनीति में कर्मनिष्ठा की पुनः पहचान कराई।

 

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