भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर आक्रोश में डूबा जनमानस — भाजपा जिला अध्यक्ष भी हुए बेआबरू!

गाजीपुर। जनपद के नोनहरा थाना क्षेत्र में स्वजातीय परिवारों का आपसी विवाद अब दर्दनाक मोड़ ले चुका है। खेत में ट्यूबवेल के लिए बिजली विभाग द्वारा खम्भा गाड़ने से शुरू हुआ झगड़ा एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर जाकर थम गया। मौत की खबर ने पूरे इलाके को गम और गुस्से में डुबो दिया।
सूत्रों के मुताबिक, 9 सितम्बर को बिजली विभाग की टीम जब काम कर रही थी तभी अभिषेक राय और जवाहीर राय पक्ष आमने-सामने आ गए। विवाद बढ़कर मारपीट और थाने पर धरना-प्रदर्शन तक पहुंच गया। इसी बीच सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोप लगाया गया कि पुलिस ने लाईट बंद कर भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा।
11 सितम्बर की भोर ने एक परिवार से उनका सहारा छीन लिया। लाठीचार्ज में घायल भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत हो गई। उनकी मौत की खबर जैसे ही गांव पहुँची, परिजनों की चीख-पुकार और आंसुओं से माहौल गमगीन हो गया। कार्यकर्ताओं का गुस्सा पुलिस पर टूट पड़ा।
गाजीपुर के एसपी डॉ. ईराज राजा ने बयान दिया कि “किसी को पुलिस ने नहीं मारा, बल्कि लाईट कटने से भगदड़ में लोग घायल हुए।” उन्होंने जांच का भरोसा दिलाया, लेकिन सियाराम की मौत ने लोगों का विश्वास डिगा दिया।
इधर, जब भाजपा जिला अध्यक्ष सियाराम उपाध्याय के दरवाजे पर पहुंचे तो शोक में डूबी भीड़ ने उनका विरोध कर दिया। आंसुओं और नाराजगी के बीच ‘भाजपा जिला अध्यक्ष मुर्दाबाद’ के नारे लगे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा—
“मैं अपने कार्यकर्ता की मौत से बेहद दुखी हूं। यह धरना-प्रदर्शन भाजपा का नहीं था, लेकिन हम प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।”
गाजीपुर में एक कार्यकर्ता की मौत ने न सिर्फ परिवार को शोक और आंसुओं में डुबो दिया, बल्कि राजनीति को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है!
देर शाम को एसपी डाॅक्टर ईराज राजा ने नोनहरा के थाना प्रभारी समेत 4 लोगों को निलंबित किये। बाकी 6 लोगों को लाईन हाजिर किये।