मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत के बाद भी बच गया भ्रष्टाचारी एबीएसए रविन्द्र सिंह! बीएसए ने सिर्फ ब्लॉक बदलकर धो डाले हाथ?

गाजीपुर। करंडा ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी रविन्द्र सिंह पटेल पर भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अनियमितताओं और मनमानी का आरोप गंभीर होता जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुँची शिकायत (संख्या: 12157520135779) में 08 बिंदुओं पर विस्तृत आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि श्री पटेल लगातार नियमों की अनदेखी कर विभागीय कार्यों में भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने दिनांक 22 जुलाई 2025 को आदेश जारी कर जांच टीम का गठन तो किया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक जांच की समय-सीमा तय नहीं की गई है। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि कार्रवाई को लटकाने या रफादफा करने की कोशिश हो रही है।
और अब ताज़ा आदेश में, बीएसए हेमंत राव ने रविन्द्र सिंह को करंडा से हटाकर भांवरकोल ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया है, वह भी सिर्फ प्रशासनिक आधार पर, न कि भ्रष्टाचार के आधार पर। यह निर्णय पूरे तंत्र पर सवाल खड़े करता है – क्या भ्रष्टाचारी अधिकारी को केवल ब्लॉक बदल देना ही पर्याप्त सजा है?
न सवाल खत्म हुए, न भ्रष्टाचार!
कहीं यह सिस्टम की वही पुरानी चाल तो नहीं, जिसमें आरोपित अधिकारी को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह भेज दिया जाता है, और भ्रष्टाचार की फाइलें धूल फांकती रह जाती हैं?
अब देखना यह होगा कि बीएसए की बनाई गई जांच टीम कब तक रिपोर्ट पेश करती है और क्या कोई वास्तविक कार्रवाई होती है या एक बार फिर तंत्र भ्रष्टाचार के सामने नतमस्तक हो जाएगा?
जनता पूछ रही है — अगर मुख्यमंत्री कार्यालय तक की शिकायत का भी यही हश्र होना है, तो आम शिक्षक और छात्र का न्याय कौन करेगा?