‘मौत की लहरों से ममता की गोद तक’ — सैदपुर के दरोगा मनोज पांडे ने दिखाया इंसानियत का वो चेहरा जिसे सलाम कर रहा है पूरा गाजीपुर

गाजीपुर/सैदपुर से रिपोर्ट :
जब दो चचेरी बहनों ने सैदपुर पुल से गंगा में छलांग लगाई, तब शायद किस्मत भी चाह रही थी कि उन्हें एक ‘मसीहा' मिले — और वो मसीहा निकले सैदपुर चौकी के इंचार्ज मनोज पांडे।
घटना की सूचना मिलते ही बिना एक पल गंवाए दरोगा जी गंगा घाट पर पहुंचे। वहां एक बच्ची को पानी की तेज धार में संघर्ष करता देख स्वयं जान जोखिम में डालकर नदी में कूद गए। बच्ची को अपने कंधे और गोद में उठाकर वे भागते हुए अस्पताल पहुंचे। समय पर इलाज मिलने से मासूम की जान बच गई।
दूसरी लड़की को भी उन्होंने गोताखोरों की मदद से खोज निकलवाया और परिजनों को सौंपा।
यह सिर्फ ड्यूटी नहीं थी — यह इंसानियत का वो चेहरा था, जिसे शब्द नहीं सिर्फ सलाम किया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर लोग दरोगा मनोज पांडे को “गाजीपुर का रियल हीरो”, “फरिश्ता इन यूनिफॉर्म” और “ममता की मिसाल” कह रहे हैं।
आज जब पुलिस को लेकर समाज में कई सवाल उठते हैं, ऐसे में मनोज पांडे जैसे अधिकारी हमें भरोसा दिलाते हैं कि वर्दी के पीछे भी एक धड़कता दिल होता है — जो हर जीवन की कीमत जानता है।