जिसे हर दिन आंखों से देखा, उसी ने आंखों में मिर्च डालकर चाकू से चिर दिया दिल!

बेंगलुरु। यह कोई आम हत्या नहीं थी… यह एक दिल को नोच देने वाली कहानी है उस भरोसे की, जो शादी के सात फेरों के साथ शुरू हुआ था—लेकिन अंत हुआ खून से सने फर्श पर एक लाश के साथ।
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश, जो कानून के सबसे ऊंचे पदों में से एक पर थे, उनकी हत्या ने पूरे देश को सन्न कर दिया है। मगर सबसे गहरी टीस उठी है बिहार के चंपारण में—जहां उन्हें लोग आज भी “अपने गाँव का गौरव” मानते थे।
रविवार को बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट स्थित तीन मंजिला घर की नीचली मंजिल से जब उनका खून से लथपथ शव मिला, तो हर कोई स्तब्ध था।
पुलिस की शुरुआती जांच ने जो खुलासा किया, वो रोंगटे खड़े कर देने वाला था—
पत्नी पल्लवी ने पहले उनके चेहरे पर तेज मिर्च पाउडर फेंका।
जब ओम प्रकाश जलन से कराहते हुए मदद के लिए इधर-उधर भागे—
तब पल्लवी ने चाकू उठाया… और ताबड़तोड़ वार किए…
तब तक, जब तक उनकी सांसें थम न गईं।
उसके बाद पल्लवी ने अपने एक दोस्त को वीडियो कॉल कर कहा—
“मैंने राक्षस को खत्म कर दिया…”
पर क्या वाकई राक्षस कोई और था?
सूत्रों के मुताबिक, पल्लवी लंबे समय से सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से जूझ रही थीं।
पति-पत्नी के बीच जमीन को लेकर झगड़े, मानसिक तनाव और अनसुनी शिकायतें—इन सबने मिलकर एक ऐसा तूफान पैदा किया, जिसमें एक अफसर नहीं, एक इंसान और एक रिश्ता जल कर राख हो गया।
ओम प्रकाश, 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी थे।
उन्होंने कर्नाटक के बल्लारी, शिवमोग्गा, चिकमंगलूर, लोकायुक्त जैसे जिलों में कानून और व्यवस्था की मिसाल कायम की थी।
2015 से 2017 तक वे राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) रहे।
लेकिन उनका अंत…
बिल्कुल अकेला, बिल्कुल दर्दनाक, और बिल्कुल बेबस।