जिला पंचायत चेयरमैन के कुनबे संग धोखाधड़ी

गाजीपुर। जिला पंचायत चेयरमैन सपना सिंह के कुनबे संग धोखाधड़ी की जानकारी मिली है। इस मामले में चेयरमैन के दिवंगत जेठ अवधेश सिंह के पुत्र विशाल सिंह ने वाराणसी के लालपुर पांडेयपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उसमें वाराणसी की रियल एस्टेट कंपनी केजीआर ग्रींस इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड लहरतारा के निदेशक द्वय रामप्रताप मिश्र तथा कन्हैया सिंह को नामजद किया गया है।
हालांकि यह एफआईआर बीते फरवरी में दर्ज कराई गई है लेकिन बीते दो मई को विवेचक एसआई आनंद चौरसिया की ओर से वाराणसी कोर्ट में दी गई स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया है कि वादी मुकदमा का बयान, घटनास्थल का निरीक्षण के साथ ही अन्य सबूत संकलित कर विवेचना जारी है।
…और यह है पूरा मामला
चेयरमैन कुनबे का एक कीमती भूखंड वाराणसी के पहड़िया में है। उस भूखंड पर वादी मुकदमा विशाल सिंह सहित उनके भाई अंकुर सिंह, अंकित सिंह और उनकी मां मीरा सिंह के अलावा चाची कुसुमचंद्रा सिंह पत्नी स्व.हरिकेश सिंह और चाचागण राजेश सिंह, राकेश सिंह, डॉ.मुकेश सिंह और चेयरमैन पति पंकज सिंह का मालिकाना हक है। बावजूद रियल एस्टेट कंपनी के निदेशकों ने वादी मुकदमा समेत उनके भाइयों और मां को छोड़कर अन्य मालिकानों से अनुबंध कराया। फिर उस भूखंड पर निर्माण के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण से नक्शा भी स्वीकृत करा लिया। उसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण में दिए गए आवेदन में वादी मुकदमा और उनके भाइयों तथा मां के फर्जी दस्तखत भी कर दिए गए। सवाल यह कि इतने बड़े रसूखवाले कुनबे संग इतनी बड़ी चीटिंग कैसे हुई। आखिर कंपनी केजीआर ग्रींस इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने कुनबे के विशाल सिंह तथा उनके भाइयों अंकुर सिंह व अंकित सिंह और उनकी मां मीरा सिंह को क्यों और कैसे अंधेरे में रखा। जाहिर है कि इसका सही जवाब पुलिस की विवेचना में ही सामने आएगा।