जड़ से जुड़ा इंसान ही समाज की नींव होता है — ब्रिजेश सिंह गोल्डी ने दिखाई मिसाल

गाजीपुर। जिले के धर्मागतपुर-बद्धूपुर ग्राम सभा में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी का दिल छू लिया। गांव के ही मूल निवासी ब्रिजेश सिंह गोल्डी, जिन्होंने इसी गांव के प्राथमिक विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी, वर्षों बाद उसी स्कूल में लौटे — मगर इस बार एक सफल व्यवसायी और प्रेरणास्रोत बनकर।
16 अक्टूबर 2025 को अपने पुराने विद्यालय पहुँचकर ब्रिजेश सिंह गोल्डी ने वहां के बच्चों के बीच कॉपी, पेन और पेंसिल वितरित कीं। बच्चों की आंखों में चमक थी, और शिक्षकों के चेहरे पर गर्व। इस अवसर पर गोल्डी ने कहा —
“मैं भी इसी स्कूल से पढ़कर आगे बढ़ा हूं। आप सभी मन लगाकर पढ़ाई करें। एक दिन आप में से कोई डीएम बनेगा, कोई एसपी, कोई डॉक्टर और कोई इंजीनियर। बस अपने परिवार, गांव और इस विद्यालय का नाम रोशन करते रहिए।”
उनकी यह बातें बच्चों के दिलों में उत्साह की लौ जला गईं।
आज के समय में जहां लोग अपनी जड़ों को भूल जाते हैं, वहीं ब्रिजेश सिंह गोल्डी जैसे लोग यह याद दिलाते हैं कि जिस मिट्टी ने हमें चलना सिखाया, उसकी कर्जदारी कभी खत्म नहीं होती।
स्कूल के अध्यापकों ने भावुक होकर कहा —
“आज के दौर में कोई अपने पुराने स्कूल की याद करता है, यह बहुत बड़ी बात है। ऐसे लोग ही समाज को दिशा देते हैं।”
ब्रिजेश सिंह गोल्डी का यह कदम सिर्फ एक सामान्य वितरण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह संवेदनाओं और मूल्यों का जीवंत उदाहरण था।
उन्होंने यह साबित कर दिया कि समाज तब ही आगे बढ़ता है जब सफल लोग अपनी जड़ों से जुड़कर दूसरों को भी आगे बढ़ने का रास्ता दिखाते हैं।
इंसान कितना भी ऊँचा क्यों न उड़ जाए, अगर उसकी जड़ें जमीन से जुड़ी रहें तो समाज की फसल कभी सूखती नहीं।