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डॉ. पीएन सिंह को मिला बचन सिंह स्मृति सम्मान

गाजीपुर। ‘बच्चन सिंह स्मृति न्यास वाराणसी' द्वारा समकालीन सोच पत्रिका के संस्थापक संपादक एवं प्रख्यात समालोचक डॉ. पीएन सिंह को उनके आवास पर गुरुवार को आयोजित संक्षिप्त समारोह में प्रथम ‘बचन सिंह स्मृति सम्मान' प्रदान किया गया।

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समारोह में न्यास के संयोजक डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह तथा बीएचयू के प्रो. सदानंद शाही ने डॉ. पीएन सिंह को सम्मान-पत्र, अंगवस्त्रम् तथा ₹25000 का चेक भेंट किया। प्रो. ने सम्मान-पत्र पढ़ा और डॉ. पीएन सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चन सिंह और डॉ. पीएन सिंह की बहुआयामी प्रतिभा और लेखन में साम्य देखने को मिलता है। डॉ. पीएन सिंह का सम्मान गाजीपुर का सम्मान है। यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि आजकल बुद्धिजीवियों का संवाद जनता से टूट गया है जबकि डॉ. पीएन सिंह को पूरा हिंदी देश ध्यान से सुनता है। कारण उनकी कृतियां जमीन से संवाद स्थापित करती हैं।

न्यास के संयोजक प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि  मार्क्सवाद के प्रबल पैरोकार होने के बाद भी डॉ. पीएन सिंह ने गांधी, आंबेडकर और लोहिया पर भी लिखा है। हिंदी आलोचना में स्पष्टता का जो अभाव था उसको डॉ. पीएन सिंह ने बहुत ही दृढ़ता के साथ दूर किया है। हिंदी आलोचना को नई दृष्टि देने के लिए बच्चन सिंह न्यास उन्हें सम्मानित करते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा है।

समारोह में समकालीन सोच परिवार के अध्यक्ष रामावतार ने डॉ. पीएन सिंह के लेखक बनने के पीछे के कारणों और संस्मरण सुनाते हुए कहा कि एक-एक सहकर्मी शिक्षक मित्र  के  लगने वाली कटु व्यंग्य ने उन्हें लेखक बनने के लिए विवश कर दिया। डॉ. पीएन सिंह एक प्रखर समालोचक और समाजवादी चिंतक हैं। इन्होंने आलोचना को एक नई दृष्टि दी है।

डॉक्टर ऋचा राय ने नवोदित प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में डॉ. पीएन सिंह के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि पीएन सिंह ने एक आचार्य एक अभिभावक के रूप में नई पीढ़ी को तराशने का काम किया है। डॉ. पीएन सिंह व्यावहारिक दृष्टि से अत्यंत ही मृदुल और उदार हृदय के व्यक्ति हैं किंतु जब समीक्षा करने बैठते हैं तो इनके सामने व्यक्ति नहीं होता है, कृति होती है और उस कृति के साथ समीक्षा करने में पूरी तरह न्याय बरतते हैं। कोई पक्षपात नहीं करते। इस बात को लेकर बहुत से लोग उनसे नाराज भी होते हैं किंतु डॉ. पीएन सिंह उसकी परवाह नहीं करते।

समकालीन सोच परिवार के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं पीजी कॉलेज गाजीपुर के पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने समारोह में उपस्थित विद्वतजनों के प्रति आभार जताया। समारोह में डॉ.  गजाधर शर्मा गंगेश, डॉ. श्रीकांत पांडेय, डॉ. बालेश्वर सिंह, संजय यादव, अमितेश सिंह, राम नगीना कुशवाहा, डॉ. बद्री सिंह, विश्वविमोहन शर्मा, माधवकृष्ण, रामविलास यादव, डॉ. बालेश्वर विक्रम, रश्मि शाक्या, डॉ. प्रियंका सिंह, इरफान, शिकुमार कुशवाहा, राम निवास, अतुल यादव, गोविंद तिवारी आदि भी थे।

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