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खुशियाँ वहीं सच्ची होती हैं, जहाँ मुस्कान बाँटी जाती है — डॉ. दिग्विजय सिंह 

72825  शिक्षकों ने नौकरी के दस वर्ष पूरे होने पर गाजीपुर के दिव्यांग बच्चों संग मनाया ‘सेवा का उत्सव

गाजीपुर, 7 नवम्बर। बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2011 में निकली TET परीक्षा आधारित 72825 शिक्षकों की भर्ती जिनकी नियुक्ति चार वर्षों के संघर्ष और माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2015 में हुई थी, आज अपनी सेवा के दस वर्ष पूरे होने की खुशी मना रहे हैं।

लेकिन इस खुशी को मनाने का जो तरीका गाजीपुर जनपद के शिक्षकों ने चुना, वह दिलों को छू लेने वाला था।

इन शिक्षकों ने अपनी खुशी होटलों या रेस्टोरेंट में नहीं, बल्कि समर्पण संस्था द्वारा संचालित राजेश्वरी विकलांग विद्यालय व व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र, शास्त्रीनगर (फतेहुल्लाहपुर), गाजीपुर के मूकबधिर व दिव्यांग बच्चों के साथ बाँटने का निर्णय लिया।

कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों ने बच्चों को फल, मिष्ठान और नाश्ते के पैकेट वितरित किए।
जब इन दिव्यांग बच्चों ने मुस्कुराते हुए सेव व केले का स्वाद लिया, तो उनकी आँखों में जो खुशी झलक रही थी — वह हर किसी के दिल को छू गई।
यह क्षण शिक्षकों के लिए सामाजिक सरोकार की सच्ची परिभाषा बन गया।

विद्यालय की शिक्षिकाएँ श्रीमती रागिनी सिंह, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सुमित्रा सिंह व नाजिया बेगम ने अतिथियों को विद्यालय में चल रही विशेष गतिविधियों, प्रशिक्षण व बच्चों की दैनिक दिनचर्या के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम के प्रमुख प्रेरणास्रोत श्री मानवेंद्र सिंह ने विद्यालय के उपकरणों और नवाचारों का निरीक्षण करते हुए संस्था के कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि —

शिक्षक समाज जब संवेदना के साथ समाज के कमजोर वर्ग तक पहुँचता है, तभी शिक्षा का असली उद्देश्य पूरा होता है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ गाजीपुर के जिला संयोजक डॉ. दिग्विजय सिंह, सहसंयोजक दिवाकर सिंह, श्रीमती नीतू वर्मा, श्री श्राधेश्याम यादव, अभिजीत यादव, विवेक यादव, मणिकांत चौबे, अखिलेश कुशवाहा, श्रीमती श्वेता गुप्ता, श्रीमती रागिनी श्रीवास्तव, श्रीमती सुशीला विश्वकर्मा, शिवनारायण यादव, चंदन सिंह, कौशल सिंह, श्रीमती रीना यादव, श्री राजेंद्र यादव सहित कई शिक्षक साथी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के सफल संयोजन में श्री प्रभात सिंह की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही।
अंत में विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री अमरनाथ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए 72825 टेट शिक्षकों की शिक्षा, समाज और मानवता के प्रति समर्पण भावना की सराहना की।


डॉ. दिग्विजय सिंह का मार्मिक विचार :

खुशियाँ मनाना आसान है, पर किसी की मुस्कान बनना कठिन —
इसलिए हमने तय किया कि अपनी खुशी उन चेहरों के साथ बाँटें,
जो बोल नहीं सकते, पर महसूस कर सकते हैं।
वहीं से शुरू होती है सच्ची सेवा, वहीं से खिलती है मानवता।


 

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