दहेज लोभी हत्यारों को दस साल की कैद

गाजीपुर। दहेज के लिए हत्या के मामले में जज कुश कुमार (फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम) बुधवार को मृतका के पति, सास और जेठानी को दस साल की कैद और दस-दस हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किए। मामला जमानियां कोतवाली के पटखौलिया स्टेशन का है। घटना तीन दिसंबर 2016 की है। मृतका रेणु जायसवाल का मायका चंदौली जिले के बलुआ थानांतर्गत खंडवारी में था।
रेणुका के पिता करमचंद्र जायसवाल की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक वह अपनी पुत्री रेणु की शादी धूमधाम के साथ 30 नवंबर 2013 को पटखौलिया स्टेशन के गोपाल जायसवाल से किए थे। सामर्थ्यभर वह दान-दहेज भी दिए थे। बावजूद रेणु के दहेज लोभी ससुराली दहेज में बाइक की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगे।
उसी बीच करमचंद्र को अपनी पुत्री रेणु की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली। वह अपनी पुत्री संग उसकी ससुराल पहुंचे। घर पर उसकी सास मीना देवी मिली। वह लोग पुत्री रेणु के कमरे में गए तो अंदर का नजारा देख दंग रह गए। रेणु का शव कमरे में छत के पंखे से लटकता मिला। वह नजारा देख करमचंद्र को सारा माजरा समझ में आ गया। जालिमों ने आयरन के तार से पहले रेणु का गला घोंटे थे और आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके शव को छत के पंखे से लटका दिए थे।
उस मामले में करमचंद्र पुत्री रेणु के पति गोपाल जायसवाल, सास मीना देवी तथा जेठानी आशा देवी के विरुद्ध दहेज हत्या का मामला दर्ज कराए। पुलिस उन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दी मगर कुछ दिन बाद सास मीना तथा जेठानी आशा जमानत पर बाहर आ गईं जबकि पति गोपाल तब से जेल में है।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह ने कुल दस गवाह पेश किए। सभी गवाहों ने अभियोजन के कथानक का समर्थन किया। न्यायाधीश कुश कुमार दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने और सबूतों के आधार पर सभी आरोपितों को दोषी करार दिए।