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गाजीपुर में भूमि विवाद: प्रधान पति उमाशंकर कुशवाहा पर गंभीर आरोप, कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए

गाजीपुर : कोतवाली थाना क्षेत्र में भूमि विवाद के मामले में प्रधान पति उमाशंकर कुशवाहा सहित 7 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने गंभीर आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद ने सख्त रुख अपनाते हुए आदेश जारी किया कि संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जाए और निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की जाए।
कोर्ट ने निम्नलिखित धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है:
- धारा 419 (व्यक्ति का प्रतिरूपण करके धोखाधड़ी करना)
- धारा 420 (धोखाधड़ी और जालसाजी)
- धारा 467 (महत्वपूर्ण दस्तावेजों की कूटरचना)
- धारा 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से कूटरचना)
- धारा 471 (फर्जी दस्तावेज या रेकॉर्ड का उपयोग)
- धारा 477 (दस्तावेजों का कूटरचना या हेराफेरी)
- धारा 506 (धमकी देना)
- धारा 120B (आपराधिक साजिश)
- धारा 34 (साझा आपराधिक इरादा)
प्राथमिकी में जिन 7 लोगों के नाम और निवास स्थान शामिल हैं, वे निम्नलिखित हैं:
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- उमाशंकर कुशवाहा पुत्र दुखी कुशवाहा (प्रधान पति, रधुनाथपुर छावनी लाईन निवासी, गाजीपुर)
- लालमुनी पत्नी उमाशंकर कुशवाहा ( रधुनाथपुर छावनी लाईन गाजीपुर)
- विशेषर पुत्र सुखराम ( रधुनाथपुर छावनी लाईन गाजीपुर)
- काशीनाथ पुत्र सुखराम (रघुनाथपुर छावनी लाईन गाजीपुर)
- प्रताप कुशवाहा (नरायनपुर छावनी लाईन गाजीपुर)
- कपिलदेव कुशवाहा पुत्र शिवप्रसाद कुशवाहा (प्रसादपुर छावनी लाईन गाजीपुर)
- दिलीप कुशवाहा पुत्र राम प्रसन्न कुशवाहा (भदौरा मसोन मुहम्मदाबाद गाजीपुर ) प्रार्थना पत्र के अनुसार, प्रधान पति उमाशंकर कुशवाहा ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए दबंगई के बल पर जमीन पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया। आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूमि पर दावा किया गया और विरोध करने पर धमकाया गया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजीपुर पुलिस को निर्देशित किया है कि वे संबंधित धाराओं में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करें। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।