मुख्तार अंसारी की बरसी से पहले बेटे अब्बास अंसारी को मिली रिहाई, ईद पर घर लौटने की अटकलें तेज

गाजीपुर : मऊ के विधायक और दिवंगत गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को कासगंज जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया। दो साल आठ महीने की कैद के बाद उनकी रिहाई से समर्थकों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
अब्बास अंसारी को 7 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में कोर्ट ने राहत देते हुए उनकी जमानत को मंजूरी दी। इसके बाद चित्रकूट कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के जमानतदारों की जमानत पर उनकी रिहाई का आदेश जारी किया। नवंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वह लगातार जेल में बंद थे।
रिहाई के बाद अब सभी की नजरें 28 मार्च पर टिकी हैं, जब मुख्तार अंसारी की पहली बरसी पर कालीबाग कब्रिस्तान में फातिहा पढ़ा जाएगा। अब्बास की रिहाई के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह इस मौके पर जरूर मौजूद रहेंगे, हालांकि परिवार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मुहम्मदाबाद स्थित उनके पैतृक निवास पर रिहाई के बाद जश्न का माहौल है। समर्थकों को उम्मीद है कि अब्बास न केवल पिता की बरसी में शामिल होंगे, बल्कि ईद भी परिवार के साथ मना सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों के तहत उन्हें लखनऊ स्थित विधायक निवास में रहने का निर्देश दिया है।
अब्बास इससे पहले भी दो बार पेरोल पर जेल से बाहर आ चुके हैं, लेकिन इस बार उनकी रिहाई को लेकर इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है। उनकी वापसी से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है।