मिनट-टू-मिनट मिशन : गाजीपुर में योगी बाबा का प्रशासनिक सर्जरी डे!

गाजीपुर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तूफानी शासकीय दौरे पर 24 जून को गाजीपुर पहुंचेंगे। इस दौरे को लेकर शासन और प्रशासन में जबरदस्त हलचल है। पूरा दौरा “मिनट-टू-मिनट” कार्यक्रम पर आधारित है और यह साफ संकेत दे रहा है कि मुख्यमंत्री इस बार जिले के कामकाज की गहराई से जांच करेंगे।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम पूरी तरह समयबद्ध और सख़्त अनुशासन वाला है, जिसमें चूक की कोई गुंजाइश नहीं। जिले के आला अधिकारी तैयारियों में जुटे हुए हैं और सभी महकमे हाई अलर्ट मोड पर हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम इस प्रकार है :
समय | गतिविधि | माध्यम |
---|---|---|
14:40 बजे | बाबतपुर एयरपोर्ट, वाराणसी से गाजीपुर के लिए प्रस्थान | राजकीय विमान |
15:00 बजे | पुलिस लाइन हेलीपैड, गाजीपुर पर आगमन | हेलीकॉप्टर द्वारा |
15:05 बजे | समीक्षा स्थल के लिए प्रस्थान | कार द्वारा |
15:10 बजे | समीक्षा स्थल पर आगमन | |
15:10 – 16:40 | विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था पर समीक्षा बैठक | |
16:40 बजे | बैठक स्थल से हेलीपैड के लिए प्रस्थान | कार द्वारा |
16:45 बजे | पुलिस लाइन हेलीपैड पर पुनः आगमन | |
16:50 बजे | गाजीपुर से वाराणसी के लिए उड़ान | हेलीकॉप्टर द्वारा |
17:55 बजे | लखनऊ के मार्टिन कॉलेज ग्राउंड पर आगमन | हेलीकॉप्टर द्वारा |
मुख्य उद्देश्य और फोकस बिंदु :
जिले की विकास योजनाओं की जमीनी हकीकत जानना
- कानून व्यवस्था की समीक्षा
- प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर तीखा सवाल
- केंद्र और राज्य सरकार की जनहित योजनाओं के क्रियान्वयन की जांच
- अफसरों और विभाग प्रमुखों की कार्यक्षमता की असली परीक्षा
प्रशासन सख्त, जनता उत्साहित
गाजीपुर में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर जनता के बीच उत्साह है। लोगों को उम्मीद है कि इस दौरे से जिले में ठोस बदलाव आएंगे और लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई होगी। वहीं प्रशासनिक गलियारों में दौड़-भाग तेज हो गई है। फाइलें साफ की जा रही हैं, प्रजेंटेशन तैयार हो रहे हैं और हर विभाग अपनी रिपोर्ट को दुरुस्त करने में जुटा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दौरा एक संदेश है – अब केवल आंकड़ों से काम नहीं चलेगा, अब ज़मीनी हकीकत ही तय करेगी अफसरों और योजनाओं की औकात। हर मिनट पर नजर रखने वाले इस दौरे में जो अधिकारी फिसलेगा, वह फिसल जाएगा – और जो मेहनती है, उसकी पीठ भी ठोकी जाएगी।
गाजीपुर के लिए यह सिर्फ एक सरकारी दौरा नहीं, बल्कि विकास और प्रशासनिक ईमानदारी की अग्निपरीक्षा है। अब देखना है कि कौन इस कसौटी पर खरा उतरता है।