भ्रष्टाचार के किले का विलन बने प्रिंसिपल आनंद मिश्रा! तो सदर विधायक जै किशन साहू ने हीरे के रूप में पहचाना कुंवर वीरेंद्र सिंह को!

गाजीपुर : मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही हैं। सदर विधायक जै किशन साहू ने जब अपने प्रतिनिधि के रूप में समाजसेवी कुंवर वीरेंद्र सिंह को चुना, उस पत्र में साफ लिखा गया की मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार और शोषण हो रहा है। साफ हो गया कि उन्होंने राजनीति की दीवारें तोड़कर एक हीरे जैसे समाजसेवी पर भरोसा जताया है।
लेकिन इसी भरोसे और पारदर्शिता के बीच खड़ा है एक नाम—प्रिंसिपल आनंद मिश्रा।
वही प्रिंसिपल, जिस पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं!
 वही प्रिंसिपल, जिसने विधायक के चुने हुए प्रतिनिधि को मेडिकल कॉलेज के दरवाज़े पर ही रोक दिया!
 वही प्रिंसिपल, जिसे अपनी सुरक्षा व्यवस्था लागू करने में एक साल से अधिक का समय लग गया!
यह सब तब हुआ जब कुंवर वीरेंद्र सिंह जिलाधिकारी अविनाश कुमार को ज्ञापन सौंप रहे थे और अचानक बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। जिलाधिकारी ने तुरंत आगे बढ़कर उन्हें सम्मानपूर्वक अस्पताल तक पहुंचवाया। इस मार्मिक क्षण ने गाजीपुर की जनता की आंखों को नम कर दिया।
लेकिन बड़ा सवाल यह है—
 क्या एक सच्चे समाजसेवी को सिर्फ इसलिए अपमानित किया जाएगा क्योंकि वह भ्रष्टाचार का सच सामने लाना चाहता है?
 क्या मेडिकल कॉलेज की कुर्सी पर बैठे विलन, प्रिंसिपल आनंद मिश्रा, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों की आवाज़ को कुचलते रहेंगे?
कुंवर वीरेंद्र सिंह वह नाम हैं जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत तक सम्मानित कर चुके हैं। गाजीपुर की जनता उन्हें बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग का सच्चा साथी मानती है। ऐसे समाजसेवी को अपमानित करना पूरे जिले के दिल को घायल कर देने जैसा है।
सदर विधायक जै किशन साहू ने साफ कहा है—
 मैंने कुंवर वीरेंद्र सिंह को अपना प्रतिनिधि इसलिए बनाया क्योंकि वह सच बोलने की ताकत रखते हैं। मैं इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेकर आगे की कार्यवाही करूंगा।
आज गाजीपुर में सिर्फ एक ही चर्चा है—
 भ्रष्टाचार के किले में बैठे विलन प्रिंसिपल का पर्दाफाश होगा, या फिर सच बोलने वाले कुंवर वीरेंद्र सिंह की आवाज़ दबा दी जाएगी?



