बुलडोजर के साये में मासूम की चीख : जलालपुर में झोपड़ी उजड़ी, किताबें बचाने के लिए मलबे से भागी बच्ची!

अंबेडकर नगर (जलालपुर): विकास के नाम पर गरीबों के आशियाने उजाड़े जा रहे हैं, लेकिन इन बुलडोज़रों के नीचे सिर्फ ईंट-पत्थर ही नहीं, बल्कि मासूमों के सपने भी कुचले जा रहे हैं। जलालपुर, अंबेडकर नगर से आई एक दर्दनाक तस्वीर ने हर संवेदनशील दिल को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में एक छोटी बच्ची अपनी झोपड़ी उजड़ते देख कॉपी-किताबें बचाने के लिए मलबे से दौड़ती हुई भाग रही है।
बुलडोजर चला, सपने उजड़े
जानकारी के मुताबिक, जलालपुर में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के तहत झोपड़ियों को तोड़ना शुरू किया। लेकिन इस दौरान जो दृश्य सामने आया, उसने सभी को भावुक कर दिया। एक मासूम बच्ची, जिसे शायद अभी तक दुनिया की बेरुखी का अंदाजा भी नहीं था, अपनी किताबों को सीने से लगाए अपनी उजड़ती झोपड़ी से बाहर भागती नजर आई। उसकी आँखों में डर, बेबसी और अपने सपनों को बचाने की तड़प साफ देखी जा सकती थी।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
प्रशासन का कहना है कि यह अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया थी, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या गरीबों के लिए सरकार के पास कोई पुनर्वास योजना है? क्या इस तरह अचानक उनके घर उजाड़ देना ही एकमात्र समाधान है?
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग प्रशासन की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अगर यही विकास है, तो फिर गरीबों के हिस्से में हमेशा उजड़ना ही क्यों आता है?