प्रॉपर्टी डीलर के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई पर हाईकोर्ट खफा

गाजीपुर। बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र के लाइसेंसी असलहे जब्त करने और बहुमंजिली इमारत ढहाने की प्रशासनिक कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। अलग-अलग एकल पीठ की ओर से गाजीपुर प्रशासन की कार्रवाई पर तीखे सवाल भी उठाए गए हैं।
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गणेशदत्त मिश्र के नाम पर लाइसेंसी असलहों की जब्ती पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सुनवाई करते हुए 14 दिसंबर को कहा कि इस कार्रवाई से पहले प्रशासन को याची गणेशदत्त मिश्र को नोटिस भेजी जानी चाहिए थी। ऐसा क्यों नहीं हुआ। न्यायमूूूूूूर्ति न्यायमूर्ति ने असलहों के लाइसेंसों के निलंबन की प्रशासनिक कार्रवाई को निरस्त कर दिया लेकिन यह भी कहा कि प्रशासन निलंबन की कार्रवाई नियमानुसार करे।
इसी तरह बिल्डिंग ढहाने के मामले में गणेशदत्त मिश्र के पिता शिवशंकर मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने 15 दिसंबर को अपने आदेश में राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा कि याची की अर्जी पर डीएम गाजीपुर की अगुवाई वाली बोर्ड के रात दस बजे आए फैसले के दूसरे ही दिन तड़के बिल्डिंग ढहाने की जल्दबाजी क्यों हुई। याची को बोर्ड के उस आदेश को चुनौती देने का अवसर क्यों नहीं दिया गया। न्यायमूर्ति ने यहां तक कहा कि क्यों न इस मामले में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। न्यायमूर्ति ने बिल्डिंग के शेष हिस्से को ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए याची को उसमें रखे सामान हटाने की भी इजाजत दे दी। अगली सुनवाई की तारीख सात जनवरी तय हुई है।
शिवशंकर मिश्र ने अपनी याचिका में बताया है कि उसी कॉलोनी में कुल 600 मकान बने हैं लेकिन प्रशासन ने उनकी ही बिल्डिंग को टारगेट किया है। उनके बेटे गणेशदत्त मिश्र को मुख्तार अंसारी का सहयोगी होने का झूठे आरोप लगा कर उनकी बिल्डिंग ढहाई गई है।
मालूम हो कि प्रशासन ने गणेशदत्त मिश्र को मुख्तार अंसारी गैंग (आईएस-191) में सूचीबद्ध कर सितंबर में उनके दो असलहों को लाइसेंस निलंबित कर जब्त कर लिया था और छह दिसंबर को उनके पिता शिवशंकर मिश्र के नाम पर शहर से सटे रजदेपुर देहाती स्थित श्रीराम कॉलोनी में निर्माणाधीन बहुमंजिली बिल्डिंग को ध्वस्त करा दिया था। प्रशासन ने इस कार्रवाई के पीछे मास्टर प्लान के मानक की अनदेखी का हवाला दिया था।
हाईकोर्ट से खुद को मिली बड़ी राहत से गदगद गणेशदत्त मिश्र ने ‘आजकल समाचार’ से बातचीत में कहा कि उन्हें शुरू से ही हाईकोर्ट से न्याय मिलने का पूरा भरोसा रहा है और पूरी उम्मीद है कि उन पर प्रशासन की ज्यादती के मामले में जवाबदेह अधिकारियों को चिन्हित कर हाईकोर्ट कार्रवाई जरूर करेगी।