परिषदीय स्कूलों के बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता देने में भी गाजीपुर फिसड्डी

गाजीपुर (कुमार नीरज)। सरकार के निर्देश के बावजूद गाजीपुर के ज्यादातर परिषदीय स्कूलों के बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता उपलब्ध नहीं हो पाया है। मध्याह्न भोजन योजना के तहत यह भत्ता बच्चों को देना है। इसमें खाद्यान्न और कन्वर्जन मनी बच्चों को दी जानी है।
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मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन लगा और उसके बाद ग्रीष्मावकाश हो गया। सरकार ने निर्देश दिया कि बच्चों को 24 मार्च से 30 जून के बीच शैक्षिक दिवस के मध्याह्न भोजन का खाद्यान्न और कन्वर्जन मनी उपलब्ध कराई जाए। इस अवधि में साप्ताहिक बंदी रविवार और अन्य छुट्टियों को हटा कर कुल 76 दिन के शैक्षिक दिवस जोड़े गए। खाद्यान्न संबंधित कोटेदारों को वितरित करने को कहा गया जबकि कन्वर्जन मनी के रूप में प्राइमरी स्कूल के प्रति बच्चा 374.29 रुपये और उच्च प्राइमरी स्कूल के प्रति बच्चा 561.02 रुपये उनके पैरेंट्स के खाते में भेजा जाना है।
सभी जिलों को जरूरत भर खाद्यान्न और कन्वर्जन मनी समय से सरकार ने उपलब्ध भी करा दी। अफसोस कि मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने जब इसकी समीक्षा की तो इस मामले में प्रदेश के फिसड्डी जिलों के टॉप टेन में गाजीपुर दूसरे स्थान पर है। गाजीपुर में मात्र पांच फीसद बच्चों को खाद्यान्न तथा कन्वर्जन मनी उपलब्ध कराई जा सकी है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि प्रधिकरण के निदेशक विजय किरन आनंद ने इस मामले में गाजीपुर के भी बीएसए को चिट्ठी भेजी है और साफ कहा है कि किसी भी दशा में यह काम 15 सितंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। गाजीपुर में बच्चों की कुल संख्या करीब तीन लाख है।

…और बीएसए उवाच
इस संदर्भ में यह प्रतिनिधि बीएसए श्रवण कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ और ही दावा किया। बोले- रही बात बच्चों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की तो 80 फीसद यह काम हो चुका है। शेष काम भी 15 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। हां कन्वर्जन मनी बच्चों के पैरेंट्स के खातों में भेजने में कुछ व्यवहारिक दिक्कतें जरूर आ रहीं हैं। मसलन बच्चों के पैरेंट्स के बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ा न जाना वगैरह है। फिर बैंक प्रबंधन भी खातों को अपडेट करने में विलंब कर रहा है। बावजूद गाजीपुर इसमें भी संतोषजनक स्थिति में है।