तेल गई गड़ही में… और उमड़ पड़ी भीड़! गाजीपुर में टैंकर पलटने के बाद फ्री के तेल के लिए मची होड़!

गाजीपुर : कभी-कभी जिंदगी की जरूरतें इंसान को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा करती हैं, जहां नैतिकता और मजबूरी की लकीरें धुंधली पड़ जाती हैं। ऐसा ही एक वाकया गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के नैसारे गांव के पास देखने को मिला, जहां भोर के सन्नाटे में एक सरसों तेल से लदा टैंकर हाईवे के किनारे पलट गया।
हादसा तड़के करीब 4 से 5 बजे के बीच हुआ, जब वाराणसी से गाजीपुर की ओर आ रहा टैंकर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक पुरानी गड़ही (पोखरी) में जा गिरा। टैंकर में भरा एक लाख लीटर सरसों का तेल ढक्कन खुलते ही बहकर पोखरी में जा मिला। आशंका जताई जा रही है कि ड्राइवर को नींद लगने के कारण यह हादसा हुआ।
सुबह की रोशनी के साथ जैसे ही गांववालों को टैंकर पलटने और तेल बहने की खबर लगी, बाल्टी, डिब्बा, बोतल लेकर लोग पोखरी की ओर दौड़ पड़े। किसी के लिए यह ‘मुफ्त का माल’ था, तो किसी के लिए रसोई की ज़रूरत। रामू नाम के एक ग्रामीण बोले, “तेल घर में नहीं था, और यहां पोखरी में बह रहा था… तो लाना पड़ा।” वहीं सुनीता देवी बोलीं, “जब पूरा गांव पहुंचा था, तो हम भी गए। मुफ्त का था, कौन छोड़ता?”
देखते ही देखते नजारा बदल गया—पोखरी के चारों ओर सैकड़ों लोग तेल निकालते दिखे। कईयों के चेहरे पर मजबूरी थी, तो कुछ की आंखों में मुफ्त पाने की चमक।
पुलिस को खबर देर से मिली। जब तक नंदगंज थाने से पुलिस मौके पर पहुंचती, तेल लूट की आधी कहानी पूरी हो चुकी थी। कुछ पुलिसकर्मियों ने भीड़ को हटाने की कोशिश की, लेकिन तब तक सैकड़ों लीटर तेल गांवों में पहुंच चुका था।
अब प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि टैंकर कैसे पलटा, और कितना तेल लूटा गया। पर इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आम आदमी की ज़रूरतें उसे कब और कैसे कानून की रेखा लांघने पर मजबूर कर देती हैं।