जहां उम्मीद भी मुरझा गई थी, वहाँ एक शिविर ने फिर से जीवन को छू लिया!

गाजीपुर, 13 अप्रैल 2025।
बीमारी जब जेब पर भारी पड़ने लगे और अस्पताल तक पहुँच एक सपना बन जाए, तब इलाज नहीं, इंसानियत ही आखिरी आस होती है। गाजीपुर जनपद के करण्डा विकासखंड अंतर्गत ग्राम सिकंदरपुर में आज ऐसा ही एक दृश्य सामने आया, जहां निःशुल्क चिकित्सा शिविर ने गरीबों की बेबसी को राहत में बदल दिया।
यह शिविर ग्राम प्रधान राजेश सिंह ‘गुड्डू' के विशेष आग्रह पर, बीके सिंह ऑर्थो एवं सर्जिकल सेंटर, गोराबाजार के सौजन्य से आयोजित किया गया, जिसकी अगुवाई वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रजत सिंह ने की। सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक चले इस आयोजन में 200 से अधिक मरीजों को निःशुल्क परामर्श, जांच और दवा की सुविधा दी गई।
शिविर में जिन बीमारियों का परामर्श दिया गया, उनमें हड्डी और जोड़ दर्द, कमर दर्द, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, बच्चों की हड्डी संबंधी जन्मजात विकृतियाँ, पेट दर्द, पित्ताशय की पथरी, हर्निया, हाइड्रोसील जैसी आम मगर पीड़ादायक बीमारियाँ शामिल थीं। खास बात यह रही कि मरीजों को हड्डी के घनत्व (BMD) की जांच की सुविधा भी मुफ्त दी गई, जो आम तौर पर ग्रामीणों की पहुँच से बाहर होती है।
डॉ. रजत सिंह (हड्डी रोग विशेषज्ञ) के साथ-साथ इस पुनीत कार्य में अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी अहम भूमिका निभाई –
- डॉ. सुधीर यादव (जनरल सर्जन)
- डॉ. मिथिलेश यादव (जनरल फिजीशियन)
- डॉ. प्रमोद कुमार (नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ)
शिविर में आए मरीजों की आँखों में सिर्फ दर्द ही नहीं, राहत और कृतज्ञता भी साफ झलक रही थी। एक बुजुर्ग ने भावुक होकर कहा – “बेटा, आज पहली बार बिना किसी खर्च के डॉक्टर से बात कर सका… ये हमारे लिए सपना था।”
ग्राम प्रधान राजेश सिंह ‘गुड्डू' ने शिविर को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई और कहा, “हमारा प्रयास है कि गाँव के अंतिम व्यक्ति तक इलाज और सम्मान दोनों पहुँचे।”
बीके सिंह ऑर्थो एवं सर्जिकल सेंटर के प्रबंधक ने बताया कि समाज सेवा ही उनकी प्राथमिकता है और भविष्य में भी इस प्रकार के शिविरों का आयोजन होता रहेगा।
यह आयोजन सिर्फ एक चिकित्सा शिविर नहीं, बल्कि उस भावना का प्रतीक था जहाँ इंसानियत, सेवा और संवेदना एक साथ खड़ी थीं — गरीबों के लिए, जरूरतमंदों के लिए, उन लोगों के लिए जो अक्सर इलाज से पहले ही हार मान जाते हैं।