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जमानियां टू अंबाला: मासूमों की अनजानी सफर और पुलिस की संजीदगी ने लौटाया सुकून! 

गाजीपुर। एक तरफ मां-बाप की सूनी आंखें, दूसरी तरफ बच्चों की मासूम बेख़बरी — लेकिन वक्त पर पहुंची पुलिस की मुस्तैदी ने सबकुछ सामान्य कर दिया। जमानियां से अंबाला और फिर वापस जमानियां तक के सफर पर निकले छह नाबालिग बच्चों को गाजीपुर पुलिस ने सकुशल बरामद कर परिजनों से मिलवा दिया है। यह घटना एक तरफ बच्चों की मासूमियत की कहानी कहती है तो दूसरी ओर पुलिस की सतर्कता और संवेदनशीलता का उदाहरण भी पेश करती है।

खेलते-खेलते गुम हुए मासूम, पहुंच गए अंबाला – 

मामला जमानियां थाना क्षेत्र का है, जहां मुकदमा संख्या 165/2025, धारा 137(2) बीएनएस के तहत पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी। सूचना मिली थी कि तीन लड़के और तीन लड़कियां लापता हो गई हैं। जांच में पता चला कि ये मासूम खेलते-खेलते जमानियां रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे। वहीं से एक ट्रेन में अनजाने में सवार होकर हरियाणा के अंबाला जा पहुंचे। अजनबी शहर, अपरिचित लोग और भूख-प्यास के बीच बच्चों ने अपने घर लौटने की कोशिश की।

सफर में छिपा दर्द, लौटते वक्त पुलिस बनी सहारा – 

जब बच्चे वापस लौटते हुए ट्रेन से फिर जमानियां स्टेशन पहुंचे, तो वहां से वे डेढ़गांव की ओर पैदल निकल पड़े। रास्ते की धूल, थकान और डर ने उनके चेहरों को जैसे बुझा दिया था, लेकिन उनकी आंखों में अब भी अपने घर की उम्मीद थी। इसी बीच जमानियां थाना पुलिस और स्वाट/सर्विलांस टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर बच्चों को सुरक्षित खोज निकाला।

प्रभारी प्रमोद सिंह की अगुवाई में सफलता – 

जमानियां थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ तत्काल कार्रवाई करते हुए बच्चों को ढूंढ निकाला। तकनीकी सहायता और मानवीय संवेदना के साथ उन्होंने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने बच्चों को न सिर्फ सुरक्षित उनके घर पहुंचाया, बल्कि परिजनों की आंखों में जो आंसू थे, उन्हें राहत के आंसुओं में बदल दिया।

इस सफलता ने साबित कर दिया कि गाजीपुर पुलिस बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की त्वरित और समर्पित कार्रवाई की सराहना की है।

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