ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार का शिकंजा, सभी अधिकार सीज!

गाजीपुर, सैदपुर: विकास कार्यों में भारी अनियमितता और सरकारी धन के गबन के आरोप में ग्राम प्रधान निरंजन यादव सहित दो सचिवों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी द्वारा उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1)(g) के तहत ग्राम प्रधान और उपप्रधान के सभी वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं।
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: सरकारी धन की लूट
गांव के सत्येंद्र सिंह ने अगस्त 2024 में विकास कार्यों में धांधली और सरकारी धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी। जिला पंचायत अधिकारी द्वारा की गई जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए 89,353 की लागत से ग्राम सचिवालय के पास लगाया गया हैंडपंप पहले ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित था, लेकिन प्रधान ने इसे अपने फंड से दिखाकर सरकारी धन गबन कर लिया।
इसमें ग्राम प्रधान, तत्कालीन सचिव संजय राय और अवर अभियंता दोषी पाए गए।
हैंडपंप के रिबोर में धांधली अवधू राजभर के घर लगे हैंडपंप के नाम पर ₹34,142 और अशोक सिंह के घर फर्जी रिबोर दिखाकर ₹68,589 का गबन किया गया।ग्राम प्रधान, सचिव अश्वनी सिंह और अवर अभियंता इस घोटाले में लिप्त पाए गए।
शासन के प्रतिबंधित कार्यों को किया गया:
कोट मंदिर के पास नियमों के विरुद्ध एक नया हैंडपंप लगाया गया, जो स्पष्ट रूप से सरकारी नियमों का उल्लंघन था।
अब गांव में प्रशासन की कमान!
सभी आरोप प्रमाणित होने के बाद ग्राम प्रधान और उपप्रधान दोनों के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। गांव में विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जल्द ही तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा।
भ्रष्टाचार पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि अब भ्रष्टाचार करने वालों की खैर नहीं! गाजीपुर प्रशासन ने यह कड़ा संदेश दिया है कि गांवों के विकास कार्यों में धांधली किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।