कोविड-19 इफेक्टः तंगहाल अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी

गाजीपुर। कोविड-19 का इफेक्ट न सिर्फ बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर पड़ा है बल्कि गाजीपुर की अति प्राचीन रामलीला कमेटी भी तंगहाली से जूझ रही है। आमद लगभग नहीं के बराबर हो गई है जबकि उसका हर माह का खर्चा जस का तस है।
कमेटी के मंत्री ओम प्रकाश तिवारी बच्चा ने एक भेंट में स्वीकार किया कि कमेटी की आमदनी के लगभग सारे स्रोत बंद हो गए हैं। कमेटी की आय का मुख्य स्रोत लंका मैदान और वहां का मैरेज हॉल है। कोविड-19 के चलते लगभग एक साल से किसी तरह के बड़े इवेंट नहीं हो रहे हैं। सामान्य दिनों में सर्दी के वक्त लंका मैदान में प्रदर्शनी, सर्कस, महासेल वगैरह लग जाते थे। उनके संचालकों से कमेटी को मोटी रकम की कमाई हो जाती थी। बड़े राजनीतिक कार्यक्रम भी बंद हैं। फिर लग्न के दिनों में लगभग हर रोज मैरेज हॉल बुक रहता था।
कमेटी के सचिव ने बताया कि लंका मैदान, मैरेज हॉल की देखरेख, साफसफाई वगैरह के लिए प्रबंधक और सफाई कर्मी को मिलाकर कुल छह कर्मचारियों को हर माह वेतन देना पड़ रहा है। कमेटी मुख्यालय में नियुक्त पुजारी को भी वेतन भुगतान हो रहा है। फिर रखरखाव का खर्च अलग है। बकौल बच्चा तिवारी, हर माह 30 हजार रुपये से अधिक का खर्च है। हालात यही रहे तो इस साल रामलीला के आयोजन में तंगहाली आड़े आ सकती है जबकि महासेल लगाने के लिए दो आयोजकों की बुकिंग पिछले साल की है। उसके एवज में उनकी टोकन मनी भी कमेटी के खाते में जमा है। जाहिर है कि इसको लेकर उनका कमेटी पर दबाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में उनकी डीएम से चर्चा हुई है। दरअसल डीएम कमेटी के पदेन संरक्षक हैं।
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