…और लूट के बाद होती थी दारू पार्टी

गाजीपुर। शहर कोतवाली पुलिस के शनिवार को हाथ लगे। लुटेरों के गैंग का काम करने का तरीका भी कम अनोखा नहीं था। गैंग के सदस्य किसी बैंक की शाखा में पहुंचते और अपना शिकार तजबीज कर उसकी पूरी रेकी करते और मौका पाकर तेजाब में बुझे चाकू से शिकार के बैग काट उसमें रखी सारी नकदी लेकर चलते बनते। उसके बाद गैंग अपने अड्डे पर पहुंचता। जहां दारू-मुर्गे की पार्टी के दौर पर दौर चलते।
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गिरफ्त में आए गैंग लीडर जिन तिवारी सहित चार सदस्यों को पुलिस कप्तान डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने रविवार की दोपहर मीडिया के सामने पेश किया। बताए कि जिन तिवारी तथा संतोष तिवारी बलिया जिले के बांसडीह और अवनीश तिवारी उसी जिले के मनियर बस स्टैंड का रहने वाला है जबकि चौथा सदस्य दीपक तिवारी बिहार के वैशाली जिले के सदर कोतवाली के काला डिब्बी का रहने वाला है। यह गैंग गाजीपुर के अलावा बलिया और आस पास के जिलों में भी सक्रिय था। पुलिस कप्तान ने बताया कि गैंग गाजीपुर में कई वारदातों को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था। पुलिस को बैंक शाखाओं के सीसीटीवी कैमरों से गैंग के सदस्यों की फोटो उपलब्ध हुई। फिर पुलिस मुखबिरों के जरिये गैंग तक पहुंची। सभी लुटेरों को सुखदेवपुर चौराहे के पास हल्की मुठभेड़ के बाद दबोचा गया। उन लोगों ने पुलिस बल पर फायरिंग भी की। सौभाग्य रहा की कोई हताहत नहीं हुआ। लुटेरों के कब्जे से मय कारतूस तीन तमंचे, चोरी की बाइक और 70 हजार 300 रुपये की नकदी भी बरामद हुई। पुलिस कप्तान ने कहा कि पूरी गैंग का गिरफ्त में आना पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम को अपनी ओर से दस हजार रुपये नकद ईनाम की घोषणा भी की। टीम में चौकी इंचार्ज गोराबाजार अनुराग गोस्वामी, चौकी इंचार्ज विशेश्वरगंज वंशबहादुर सिंह, चौकी इंचार्ज रजागंज तरुण श्रीवास्तव आदि थे।

गाजीपुर घाट था लुटेरों का ठिकाना
गैंग गाजीपुर में काम करने के लिए बकायदा गाजीपुर घाट पर मकान किराए पर ले रखा था। मकान लेते वक्त वह खुद को ठेकेदार बताए थे। जब इनकी करतूतों की जानकारी मकान मालिक को मिली तो वह भौंचक रह गया।