सांसद अतुल राय को कोर्ट से राहत, विक्टिम के मित्र की अर्जी खारिज

गाजीपुर। स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने दुष्कर्म के आरोपित सांसद घोसी अतुल राय को राहत दी है। उनकी विक्टिम युवती के मित्र तथा अभियोजन के गवाह सत्य प्रकाश राय की अर्जी खारिज कर दी है। अर्जी में मुकदमे में दोबारा गवाही कराने व इलेक्ट्रानिक अभिलेख प्रस्तुत करने की मांग की गई थी। स्पेशल कोर्ट के जज आलोक श्रीवास्तव ने विक्टिम, अतुल राय और सरकारी वकील के तर्कों को सुन कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 138 से स्पष्ट होता है कि जब प्रति परीक्षा में कोई नया तथ्य आ जाए तब उन बातों के स्पष्टीकरण के लिए पुन: परीक्षा किया जा सकता है। इस मामले के पत्रावली से स्पष्ट है कि गवाह संख्या दो (सत्य प्रकाश राय) की मुख्य परीक्षा और प्रति परीक्षा अंकित की जा चुकी है। उसकी ओर से दाखिल दस्तावेजों के संबंध में पुन: मुख्य परीक्षा कराए जाने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। कोर्ट गवाहों को दोबारा बुलाने की धारा का प्रयोग मनमाने तौर पर नहीं कर सकता। कोर्ट ने कहा कि जिन इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों को गवाह संख्या दो ने प्रस्तुत किए जाने का अनुरोध किया है, इनको प्राप्त करने का स्रोत या उपकरण क्या है। अपनी अर्जी में यह स्पष्ट नहीं बताया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख भी मुकर्रर कर दी।
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मालूम हो कि विक्टिम युवती ने सांसद घोसी अतुल राय के विरुद्ध वाराणसी के लंका थाने में घोसी के बसपा सांसद अतुल राय के विरुद्ध धोखाधड़ी, दुष्कर्म और धमकाने के अलावा 67 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराई है। वही मामला स्पेशल कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में अतुल राय इन दिनों नैनी जेल में निरुद्ध हैं।
विक्टिम कोटवा नारायणपुर थाना नरही बलिया की रहने वाली है जबकि सत्य प्रकाश राय गाजीपुर के भांवरकोल थाने के सियाड़ी गांव का रहने वाला है। सांसद घोसी अतुल राय भी मूलतः उसी क्षेत्र के वीरपुर गांव के रहने वाले हैं।