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सपा नेता का हत्यारा वाराणसी पुलिस संग मुठभेड़ में ढेर

गाजीपुर। वाराणसी पुलिस के हाथों मारा गया कुख्यात बदमाश रौशन गुप्त उर्फ किट्टू उर्फ बाबू का गाजीपुर में भी कम टेरर नहीं था।

आठ साल पहले गाजीपुर पुलिस के लिए वह सिरदर्द बन गया था। पहली बार गाजीपुर में उसका नाम तब सुर्खियों में आया था जब सैदपुर बाजार में बरनवाल बंधु हत्याकांड हुआ था। वह घटना सात दिसंबर 2012 की देर शाम हुई थी। सैदपुर के प्रमुख सराफा व्यवसायी अजय बरनवाल अपने भाई विजय बरनवाल संग दुकान बंद कर घर के गेट पर पहुंचे ही थे कि पहले से घात लगाए किट्टू और उसके साथी दोनों भाइयों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनके पास के सोने-चांदी के जेवर लूट कर भाग गए थे। अजय बरनवाल समाजवादी पार्टी की व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी थे। घटना के दो दिन बाद किट्टू समेत उसमें शामिल सात बदमाशों को पुलिस हलकी मुठभेड़ में गिरफ्तार कर ली थी। फिर 30 जनवरी 2013 को उन सभी को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया गया था लेकिन बाद में किट्टू जमानत करा कर जेल से बाहर निकल गया था।

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बरनवाल बंधु हत्याकांड से पहले 29 अक्टूबर 2012 को किट्टू ने अपने साथियों संग करंडा थाने के जेवल में हुए बच्चेलाल हत्याकांड को अंजाम दिया था। उसी साल सादात थाने में भी उसके विरुद्ध हत्या कर डकैती का मामला दर्ज हुआ था। इन दोनों मामलों में भी किट्टू जमानत पर था।

किट्टू मूलत: वाराणसी शहर के चौक थानांतर्गत पियरी मुहल्ले का रहनेवाला था। उसके विरुद्ध गाजीपुर सहित वाराणसी शहर के विभिन्न थानों में कुल 21 संगीन मामले दर्ज थे। उसके सिर पर एक लाख रुपये नकद का ईनाम घोषित था।

वाराणसी शहर के जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित डाट पुल सरैया के पास गुरुवार की रात पुलिस संग हुई मुठभेड़ में उसका काम तमाम हुआ। जहां उसके कब्जे से 30 तथा 32 बोर की मय कारतूस दो पिस्टल के अलावा एके-47 के कारतूस सहित बाईक बरामद हुई।

 

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