शिक्षक भर्तीः शिक्षा मित्रों को झटका, सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज

गाजीपुर (कुमार नीरज)। प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शिक्षा मित्र एसोसिएशन की याचिका खारिज कर दी और योगी सरकार के कट ऑफ व्यवस्था को जायज ठहराया है। हालांकि, सभी शिक्षा मित्रों को एक मौका देने को भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शिक्षा मित्रों को अगली भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए एक आखिरी मौका दिया जाए लेकिन उसके तौर-तरीकों को राज्य सरकार ही तय करेगी। इस मामले में शिक्षा मित्रों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बीते 24 जुलाई को ही सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख ली थी।
यह भी पढ़ें–छठ पूजा में लौटा था परिवार कि…
शिक्षक भर्ती के लिए योगी सरकार के जारी कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था। इस मामले को लेकर प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहुंचा। जहां राहत नहीं मिलने पर एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। एसोसिएशन का कहना था कि सहायक शिक्षक की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कट-ऑफ 45 फीसद और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसद रखा गया था लेकिन भर्ती परीक्षा के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसद कर दिया गया। यह गैर कानूनी कदम है। परीक्षा के बीच में कट-ऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है। लिहाजा जो भी योग्य शिक्षामित्र 45-40 से ज्यादा अंक हासिल करते हैं, उन्हे भारांक देकर नियुक्ति दी जाए लेकिन योगी सरकार परीक्षा में कट ऑफ अंक बढ़ाकर 65-60 कर दी। उसके कारण प्रदेश भर में 32 हजार 629 शिक्षामित्र सहायक शिक्षक चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए। इनमें गाजीपुर के भी सैकड़ों शिक्षा मित्र थे। हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की याचिका पर नौ जून को सुनवाई करते हुए 69 हजार सहायक शिक्षक पदों में से 37 हजार 339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया था। योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। साथ ही उस फैसले के आधार पर योगी सरकार सहायक शिक्षक के शेष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर दी। उसमें गाजीपुर को भी कुल 960 नवनियुक्त सहायक शिक्षक मिले।
मालूम हो कि प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार ने शिक्षामित्रों को पदोन्नति देते हुए सहायक शिक्षक के पद पर स्थाई नियुक्ति दे दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट साल 2018 में प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति को अवैध करार दिया था और कहा था कि भविष्य में होने वाली सहायक शिक्षक भर्ती में इन शिक्षामित्रों के अनुभव को देखते हुए सरकार अतिरिक्त भरांक देने पर विचार कर सकती है।