विधायक बनाम पूर्व मंत्री, गहमर ग्राम प्रधान पर एफआईआर

गाजीपुर। गहमर की प्रधान मीरा चौरसिया को लेकर हुए शह और मात के खेल में विधायक सुनीता सिंह
आखिर में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह पर भारी पड़ीं। ग्राम प्रधान सहित मौजूदा तथा पूर्व सेक्रेटरी के विरुद्ध गहमर थाने में सोमवार की रात एफआईआर दर्ज हो गई।
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उन तीनों पर आरोप है कि मिशन स्वच्छता (ग्रामीण) के तहत गहमर ग्राम पंचायत को मिली करोड़ों की धनराशि में एक करोड़ 66 लाख 80 हजार रुपये का दुरुपयोग किया गया है।
इसकी शिकायत शुरू में ग्राम पंचायत के जागरुक लोगों ने ऊपर तक की। बताते हैं कि पूर्व मंत्री के प्रभाव के कारण मामला दब गया। उसी बीच अपनी खुद की ग्राम पंचायत में इतनी बड़ी धनराशि के दुरुपयोग को विधायक जमानियां सुनीता सिंह ने गंभीरता से लिया। वह एक्शन में आ गईं। जांच शुरू हुई। बावजूद दो तिमाही तक जांच रिपोर्ट दबी रही। इसी बीच तत्कालीन डीएम ओमप्रकाश आर्य का तबादला हो गया और उनकी जगह एमपी सिंह ने चार्ज लिया। एक बार फिर विधायक जमानियां की पैरवी पर जांच रिपोर्ट सब्मिट हुई। जांच रिपोर्ट में ग्राम प्रधान के अलावा तत्कालिन सेक्रेटरी राधेश्याम यादव तथा मौजूदा सेक्रेटरी अवधेश खरवार दोषी बताए गए। उसके बाद बारी आई इन तीनों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराने की। अपनों की पैरवी किसी भी हद तक जाकर करने के लिए मशहूर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह का दबाव यहां भी आड़े आने लगा।
जाहिर है कि फिर विधायक जमानियां को आगे आना पड़ा। डीएम एमपी सिंह के सख्त आदेश के बाद भदौरा ब्लाक के प्रभारी एडीओ पंचायत मदन मोहन गुप्त की तहरीर पर गहमर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। तहरीर के साथ ही एडीओ पंचायत ने बतौर साक्ष्य जांच रिपोर्ट की छाया प्रति भी प्रस्तुत की।
प्रभारी डीपीआरओ रमेश उपाध्याय ने गहमर प्रधान सहित मौजूदा व पूर्व सेक्रेटरी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने की खबर की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने एक सवाल पर स्पष्ट किया कि यह गब़न नहीं बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है।