अपराधब्रेकिंग न्यूज

मुख्तार गैंग का इनामी बदमाश दिलशाद का कोर्ट में संरेडर

बाराचवर (गाजीपुर)। मुख्तार अंसारी गैंग के वांटेड बदमाश दिलशाद खां ने मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया। उसके सिर पर 25 हजार रुपये का ईनाम घोषित था। दिलशाद करीमुद्दीनपुर थाने के महेंद गांव का रहने वाला है।

करीमुद्दीनपुर पुलिस को दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में दिलशाद की तलाश थी। ईनाम की घोषणा के साथ ही पुलिस दिलशाद के गांव महेंद सहित करीमुद्दीनपुर क्षेत्र में उसके फोटो वाले पोस्टर भी चस्पा की थी। उसके घर और संभावित ठिकानों पर बार-बार दबिश भी डाल रही थी। पुलिस का दावा है कि उसी दबाव में वह कोर्ट में सरेंडर किया है

यह भी पढ़ें–हमीद सेतुः 12 तक बंद

दिलशाद पहली बार लाइम लाइट में साल 2018 में तब आया जब महेंद गांव के ही रहने वाले युवक संजय गोंड डबलू की हत्या हुई। पेशे से वेल्डर संजय गोंड की लाश महेंद गांव से कुछ दूर सोनवानी के सिवान में मिली थी। तब बताया गया था कि उसके पास की 30 हजार रुपये की नकदी लूटने के लिए उसको दारु-मुर्गा का दावत दिया गया। उसके बाद उसकी हत्या कर नकदी लूट ली गई थी। दिलशाद उस मामले में जेल भी गया था। बाद में जमानत करा कर बाहर आ गया।

अंडरवर्ल्ड में दिलशाद की पहचान यही है कि वह मुख्तार अंसारी के करीबी ठेकेदार जफर उर्फ चंदा की टीम में था मगर बाद में वह कुख्यात माफिया  मुन्ना बजरंगी के खजांची रहे वाराणसी के मेराज खां का ‘बंदूकची’ हो गया था। मेराज खां इन दिनों असलहे के लाइसेंस के फर्जीवाड़े में वाराणसी की चौकाघाट जेल में है। उसी मामले में दिलशाद पर भी वाराणसी में केस दर्ज है। उसके नाम से राइफल का लाइसेंस भी जारी हुआ था। मेराज मूलतः करीमुद्दीनपुर के महेंद गांव की बिचली पट्टी का रहने वाला है और दिलशाद भी उसी पट्टी का है। एसएचओ करीमुद्दीनपुर केके सिंह ने बताया कि दिलशाद की तलाश में बिहार में भी उसके ठिकाने पर दबिश डाली गई थी। वह पुलिस के हाथ लगने के डर से कोर्ट में सरेंडर किया है। अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ होगी।

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker