मुख्तार के दोनों सालों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की रोक

गाजीपुर। गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के दोनों सालों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। ऑनलाइन मीडिया से मिली खबर के मुताबिक कोर्ट ने मुख्तार के सालों अनवर शहजाद व सरजील रजा उर्फ आतिफ की गिरफ्तारी पर मामले में पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि दोनों पुलिस विवेचना में सहयोग करें और पुलिस भी विवेचना शीघ्र पूरी करे। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसके पचौरी की खंडपीठ ने मुख्तार के दोनों सालों की याचिका पर सुनवाई की। अनवर शहजाद व सरजील रजा की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व अजय कुमार श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।
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मालूम हो कि मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी और दोनों साले अनवर शहजाद व सरजील रजा पर शहर कोतवाली में बीते 12 सितंबर को गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी। आरोप था कि छावनी लाइन स्थित कुर्क भूखंड पर तीनों अभियुक्तों ने गिरोहबंद होकर अवैध कब्जा जमाया। बिल्कुल ऐसा ही कृत्य इन लोगों ने मौजा बवेड़ी में किया। यह भी आरोप लगा कि इनका गिरोह भूखंड हथियाने और बेनामी खरीद से संपत्ति बनाने में लगा रहा है। उसके बाद इनके गिरफ्त में न आने पर तीनों के लिए पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित की।
मुख्तार के दोनों साले खुद के खिलाफ शहर कोतवाली में दर्ज एफआईआर रद करने के लिए हाईकोर्ट से गुजारिश किए थे। उनकी ओर से कहा गया कि शुरू में पुलिस ने संजय सिंह के खिलाफ चार्जशीट तैयार की और विवेचना के दौरान पूरक चार्जशीट में याचियों को भी शामिल कर लिया। इस मामले में उनको झूठा फंसाया गया है। यह भी कहा गया कि एफआईआर में बेनामी संपत्ति का खुलासा नहीं किया गया है। दोनों को मुख्तार अंसारी के साले होने के नाते फंसाया गया है लेकिन हाईकोर्ट ने एफआईआर रद करने से इन्कार कर दिया और विवेचना में उन्हें सहयोग करने और पुलिस को विवेचना शीघ्र पूरी करने को कहा। साथ ही पुलिस को निर्देश दिया कि अपनी रिपोर्ट पेश करने तक उनको गिरफ्तार न करे।