अपराधब्रेकिंग न्यूज

मुख्तार के करीबी बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र को मात्र पांच दिन की मोहलत

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी के करीबी और शहर के बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र की गुहार डीएम ने नहीं सुनी। सोमवार को डीएम कोर्ट में उनकी निर्माणाधीन बहुमंजिली बिल्डिंग के मामले में उन्हें मात्र पांच दिन की मोहलत मिली। अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

यह भी पढ़ें—खबरदार! 100 से अधिक का जुटान नहीं

डीएम कोर्ट में श्री मिश्र अपना पक्ष रखने के लिए कम से कम एक सप्ताह की मोहलत मांग रहे थे। मालूम हो कि शहर से बिल्कुल सटे रजदेपुर देहाती स्थित श्रीराम कॉलोनी में गणेशदत्त मिश्र की   मल्टीस्टोरी निर्माणाधीन बिल्डिंग है। कागज में उनके पिता शिवशंकर मिश्र उसके मालिक हैं। आरोप है कि वह बिल्डिंग मास्टर प्लान के मानकों की अनदेखी कर बनी है। इस मामले में मास्टर प्लान उन्हें नोटिस दिया था। तब वह हाईकोर्ट चले गए थे लेकिन वहां उनको कोई खास राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने मास्टर प्लान के नियत प्राधिकारी एसडीएम सदर को आदेशित किया कि वह याची गणेशदत्त मिश्र के मामले को प्राथमिकता से निस्तारित किया जाए। उस आदेश के तहत एसडीएम सदर ने मामले को निस्तारित करते हुए आदेश दिया कि बिल्डिंग ढहाई जाए। एसडीएम सदर के उस आदेश को गणेशदत्त मिश्र ने डीएम कोर्ट में चुनौती दी। डीएम एमपी सिंह ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए उस पर सुनवाई के लिए अपनी अगुवाई में आठ सदस्यीय बोर्ड गठित कर दी। बोर्ड ने उनकी सुनवाई शुरू कर दी। सुनवाई के पहले ही दिन गणेशदत्त मिश्र के वकीलों ने अपने पक्ष में साक्ष्य पेश करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी।

यह इत्तेफाक कि मोडस ऑपरेंडी!

पहले शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल। फिर होटल गजल और अब गणेशदत्त मिश्र की ‘अट्टालिका’। यह सब मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार की कार्रवाई के बानगी हैं। याद करें तो शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल और होटल गजल को ढहाने के डीएम की अगुवाई वाली बोर्ड के फरमान विकेंड में आए। परिणाम संबंधित पक्ष जब तक  ऊपर की अदालत पहुंचे तब तक इधर उनकी बिल्डिंगों का काम तमाम कर दिया गया। अब गणेशदत्त मिश्र के मामले में भी 27 नवंबर की तारीख पड़ी है। दिन शुक्रवार का है। उसके बाद हाईकोर्ट में दो दिन साप्ताहिक बंदी रहेगी। उसके बाद 30 नवंबर को गुरु गोविंद सिंह की जयंती की छुट्टी होगी। मतलब डीएम के अगुवाई वाली आठ सदस्यीय बोर्ड का फैसला अपनी उम्मीद के विपरीत आया तो जाहिर है कि गणेशदत्त मिश्र को हाईकोर्ट खुलने का इंतजार करना पड़ेगा।…और इधर…राम ही राखे।

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker