मुख्तार के करीबी प्रॉपर्टी डीलर ने बृजेश सिंह को लेकर योगी सरकार पर उठाए सवाल

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी के करीबी प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र ने अपनी जुबान में सियासी रस घोल लिया है। इसका अंदाजा रविवार को तब मिला जब प्रशासन की ओर से अपने पिता के नाम की बहुमंजिली इमारत ढाहाने के बाद वह मीडिया से मुखातिब हुए थे।
तब वह न सिर्फ मुख्तार अंसारी से अपने ताल्लुकात की बात बेबाकी से कबूली बल्कि मुख्तार के जानी दुश्मन बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह को लेकर योगी सरकार पर भी सीधे अंगुली उठाई। इस क्रम में कई बार ब्राह्मणों के नाहक सरकारी उत्पीड़न की बात दोहराना भी वह नहीं भूले।
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मुख्तार अंसारी से खुद के संबंधों की बात कबूलते हुए उन्होंने तार्किक अंदाज में कहे- मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी पांच लाख वोट पाकर सांसद बने हैं। तब यह मान लेना चाहिए कि उन्हें वोट देने वाले भी मुख्तार के करीबी हैं फिर अकेले मुझे ही मुख्तार अंसारी के करीबी होने की सजा इस लिए दी जा रही है कि मैं ब्राह्मण हूं। उधर 50 हजार करोंड़ के मालिक बृजेश सिंह और उनके भतीजे सुशील सिंह को महात्मा मान लिया गया है।
श्री मिश्र ने बिल्डिंग तोड़ने के मामले में प्रशासन पर बदनियती का आरोप लगाते हुए कहा कि कॉलोनी की 36 मीटर सड़क की चौड़ाई बता कर उस पर अवैध कब्जे के बाद बिल्डिंग के निर्माण की बात भी सरासर गलत है। अव्वल तो गाजीपुर की किसी भी कॉलोनी में इतनी चौड़ी सड़क नहीं है। दूसरा यह कि हमारे पिता की बिल्डिंग की तरह इसी श्रीराम कॉलोनी में और भी कई मकानों का निर्माण हुआ है। फिर मेरे पिता की बिल्डिंग को ही ढाहा गया। इस लिए कि मैं ब्राह्मण हूं।
मालूम हो कि शहर से बिल्कुल सटे रजदेपुर देहाती स्थित श्रीराम कॉलोनी में गणेशदत्त मिश्र की बहुमंजिली बिल्डिंग को प्रशासन ने ढाहा दिया था। सड़क पर अवैध कब्जे और मास्टर प्लान से बगैर स्वीकृत नक्शे निर्माण के आरोप में वह कार्रवाई हुई थी। हालांकि अंडरवर्ल्ड व राजनीतिक हलके में प्रशासन की इस कार्रवाई को मुख्तार अंसारी के खिलाफ योगी सरकार के चल रहे अभियान से जोड़ कर देखा जा रहा है।
…पर अंसारी बंधुओं के अपनों में सपा का आकर्षण
अंसारी बंधु भले बसपा में हैं लेकिन उनके ज्यादातर करीबियों में सपा के लिए ही आकर्षण है। प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र अपने खिलाफ प्रशासन की तल्खी से बचने के लिए राजनीतिक विकल्प तलाशने के क्रम में सपा का ही दामन थामे। सांसद अफजाल अंसारी की ओर से दूरसंचार विभाग की सलाहकार समिति में भी कई सपा नेताओं को जगह मिली।