मुख्तार के करीबी नन्हे को 36 घंटे में मिली जमानत

गाजीपुर। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी नन्हे खां के मामले में पुलिस को कोर्ट से मायूसी ही हाथ लगी। गिरफ्तारी के करीब 36 घंटे में ही कोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली और शनिवार की सुबह सात बजे वह जेल से रिहा भी हो गया।
थाना करीमुद्दीनपुर के महेंद गांव के प्रधान प्रतिनिधि नन्हे खां के खिलाफ गांव से गुजर रही मगई नदी पर जबरिया पुल बनाने का आरोप था। प्रशासन ने बीते दो जूलाई को उसे ढहवा दिया था और नन्हे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस के अनुसार उसके बाद से ही नन्हे फरार चल रहा था। लिहाजा उस पर 25 हजार रुपये का ईनाम घोषित था।
यह भी पढ़ें—सीएमओ को भी नहीं बख्शा कोरोना
सीओ मुहम्मदाबाद विनय गौतम की अगुवाई में पुलिस फोर्स गुरुवार की सुबह करीब सवा पांच बजे नन्हे के घर छापा मार कर उसे गिरफ्तार की थी। उसके कब्जे से मय कारतूस तमंचा भी बरामद करने का दावा की थी। इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हुए गिरफ्त में नन्हे की फोटो भी मीडिया के लिए स्वंय जारी की थी। उसके बाद नन्हे को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था लेकिन शुक्रवार को नन्हे की ओर से न्यायिक मजिस्ट्रेट मुहम्मदाबाद की कोर्ट में पड़ी जमानत की अर्जी की सुनवाई में पुलिस मजबूती से अपना पक्ष रखने में नाकाम रही और आखिर में कोर्ट का फैसला नन्हे के पक्ष में गया।

नन्हे साल 2005 में पहली बार अपने गांव का प्रधान बना था। गांव के पश्चिम महाल का रहने वाला नन्हे तब एंटी मुख्तार अंसारी का नारा देकर अपनी जीत के लिए वोटो की लामबंदी करने में कामयाब हो गया था। नतीजा मुख्तार अंसारी के करीबी तत्कालीन प्रधान आफताब खां को मुंहकी खानी पड़ी थी। बाद में नन्हे मुख्तार अंसारी के खेमें में चला गया था। पिछले चुनाव में नन्हे की पत्नी कमरूननिशा प्रधान चुनी गईं।