मंत्री अनिल राजभर को अखर गई शहादत दिवस पर बिरादरी के पार्टी नेताओं की नामौजूदगी

गाजीपुर। स्वजातियों का भारी जुटान और खुद की ही पार्टी के स्वजातीय दिग्गजों की नामौजूदगी प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर को एकदम से अखर गई। यहां तक कि वह खुद को रोक नहीं पाए और मंच से ही इस पर अपनी कड़ी नाराजगी जताए। अनिल राजभर मुख्य अतिथि थे।
मौका था सोमवार को बिरनो ब्लाक मुख्यालय परिसर में आयोजित रणबांकुरे निरंजन राजभर के शहादत दिवस समारोह का। बिरादरी के भाजपा जिला महामंत्री अवधेश राजभर, मंडल अध्यक्ष मुन्ना राजभर वगैरह की नामौजूदगी पर चर्चा करते हुए वह कहे कि उन्हीं लोगों के कहने पर इस भव्य समारोह की योजना बनी थी। यह समारोह उन्हीं लोगों के इलाके में हो रहा है। काफी संख्या में राजभर समाज के लोग जुटे हैं। बावजूद उनकी नामौजूदगी का संदेश समाज में ठीक नहीं जाएगा।
मंत्रीजी को उनके इस कहन पर बताया गया कि पार्टी जिला मुख्यालय पर बैठक में वह लोग गए हैं। तब मंत्रीजी बताए कि लखनऊ में सरकार की कैबिनेट की बैठक थी मगर वह मुख्यमंत्री से अपने समाज के इस समारोह के नाम पर छुट्टी लेकर आए हैं।
मंचासीन स्वजातीय नेता डॉ.रमाशंकर राजभर के तीखे तंज का भी उसी अंदाज में जवाब देना अनिल राजभर नहीं भूले। कहे कि पूर्व की सरकारों ने राजभर समाज को बांटकर अपनी राजनीति साधी। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न देने का काम भाजपा सरकार ने किया। रही बात राजभर समाज के उत्पीड़न की तो यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपनी इस बात की पुष्टि में एक वाकये की चर्चा करते हुए खुद की ओर से उठाए गए कदम की जानकारी दी।
उन्होंने कहा की गाजीपुर बलीदानियों की धरती है। पूरे देश को यहां की मिट्टी पर गर्व है। किसी की शहादत के नाम पर कुछ मांगना उस शहीद का अपमान है। उन्होंने शहादत को जीवन को जीवन की सार्थकता बताया।
इस अवसर पर अनिल राजभर एवं अन्य ने शहीद की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित किया। उनकी पत्नी किस्मती देवी को भी माल्यार्पण कर सम्मानित किया।
समारोह में भाजपा के पूर्व प्रभुनाथ चौहान, कुंवर रमेश सिंह पप्पू, भाजयुमो के क्षेत्रीय अध्यक्ष राजेश राजभर, योगेश सिंह, जिला मीडिया प्रभारी शशिकांत शर्मा, दीपक सिंह, हरेंद्र यादव, शिवानंद राय, शिवप्रताप सिंह, मयंक जायसवाल, संतोष सिंह, रूद्र प्रताप सिंह आदि अन्य लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता रिटायर सूबेदार मुखदेव राजभर एवं संचालन रामनरायन राजभर ने किया।