भाजपाइयों की आंखों की किरकिरी बने एसआई पन्नेलाल को अब दुल्लहपुर थाने का प्रभार

गाजीपुर। सत्ताधारी भाजपाइयों संग प्रायः छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले पुलिस सब इंस्पेक्टर पन्ने लाल पर उनका महकमा कुछ ज्यादा ही मेहरबान लगता है। अब उनको खानपुर की जगह दुल्लहपुर थाने की कुर्सी सौंप दी गई है।
खानपुर में उनकी बदजुबानी, बदमिजाजी से आजिज इलाकाई भाजपाजनों ने खूब हो हल्ला मचाया। यहां तक कि उनको हटाने पर वह एकदम से अड़ गए। उनके सामूहिक इस्तीफे तक की नौबत आ गई। तब पार्टी का जिला नेतृत्व उसे संज्ञान में लिया। पहले सामूहिक इस्तीफा देने वालों को कड़ाई से अनुशासन का पाठ पढ़ाया गया और अब पन्नेलाल को वहां से हटवाया गया है लेकिन महकमे ने पन्नेलाल को एक बार फिर पैदल करने की जगह उनका म्यूचुअल ट्रांसर्फर कर दुल्लहपुर थाने के इंचार्ज की कुर्सी सौंप दी गई है। जाहिर है कि इनकी यह तैनाती जितेंद्र बहादुर सिंह की जगह हुई है, जिन्हें खानपुर का इंचार्ज बनाया गया है।
मालूम हो कि पन्नेलाल के लिए यह दूसरा मौका रहा जब उनका भाजपाइयों से टसल हुई। इसके पहले जब वह बिरनो के इंचार्ज थे। बात अगस्त की है। एक मामले में फरियादी को लेकर पार्टी के मंडल महामंत्री विनोद गुप्त थाने में पहुंचे ही थे कि एसओ पन्ने लाल एकदम से उखड़ गए थे और गालियों से नवाजते हुए उनको थाने से भगा कर ही दम लिए थे। उस घटना की जानकारी होने के बाद पार्टी के जिला महामंत्री अवधेश राजभर की अगुवाई में कई वरिष्ठ नेता और कुछ मंडल अध्यक्ष थाने में पहुंचे। उन्हें भी मगरूर एसओ पन्नेलाल ने नहीं बख्शा था। यहां तक कि इन लोगों को दलाल करार उल्टे पांव थाने से बहरिया दिया था। एसओ के इस अप्रत्याशित व्यवहार से खुद को अपमानित महसूस किए वह सारे नेता थाने के सामने धरने पर बैठने की तैयारी करने लगे थे। उसकी जानकारी मिलते ही जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने हस्तक्षेप किया। वह नेता थाने से लौट गए थे। कुछ ही दिन बाद पन्नेलाल को खानपुर का इंचार्ज बनाया गया और उनकी जगह खानपुर के इंचार्ज रहे शशिधर चौधरी को बिरनो का इंचार्ज बनाया गया था।