बेसिक शिक्षा: बीएसए ने दे दी अपने चहेते को कई अतिरिक्त जिम्मेदारी

गाजीपुर। शिक्षकों को मर्यादा और कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाने वाले बीएसए श्रवण कुमार का दूसरा चेहरा भी है। वह अपनों को उपकृत करने में कायदा कानून की भी परवाह नहीं करते।
इसका सबूत एबीएसए का अतिरिक्त प्रभार का सौंपा जाना है। गाजीपुर नगर सहित कुल 17 एबीएसए के पद हैं लेकिन इसके सापेक्ष मात्र 14 एबीएसए उपलब्ध हैं। नगर के अलावा भांवरकोल तथा भदौरा ब्लाक में एबीएसए की स्थाई तैनाती नहीं है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत निकटवर्ती ब्लाक के एबीएसए को वहां का प्रभार दिया जाना चाहिए। यह विभाग की परंपरा भी रही है लेकिन भांवरकोल का प्रभार करंडा ब्लाक के एबीएसए जयराम पाल को दिया गया है। इसी तरह भदौरा की जिम्मेदारी एबीएसए मनिहारी सुदामा राम को दी गई है। इधर नगर का कामधाम एबीएसए बिरनो अविनाश राय देख रहे हैं।
नगर क्षेत्र का प्रभार बिरनो एबीएसए को सौंपा जाना तो समझ में आता है। दोनों क्षेत्र एक दूसरे से लगे हुए हैं लेकिन जिला मुख्यालय से पश्चिम के ब्लाकों में तैनात एबीएसए को सीधे पूरब और सुदूर ब्लाक की जिम्मेदारी सौंपा जाना यह शिक्षकों की समझ से बिल्कुल परे है।
हालांकि विभाग की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने वालों की मानी जाए विभाग की इस परंपरा की अनदेखी के पीछे एक मात्र कारण यही है कि बीएसए साहब के वह दोनों एबीएसए जयराम पाल व सुदामा राम चहेते हैं। दोनों के कार्यक्षेत्र से जुड़े शिक्षक खुलेआम तो नहीं लेकिन आपसी बातचीत में इनकी धन उगाही की फितरत के रोचक किस्से सुनते सुनाते रहते हैं।
वैसे जयराम पाल पर बीएसए की कुछ ज्यादा ही मेहरबानी लगती है। उन्हें न सिर्फ एक अतिरिक्त ब्लाक का प्रभार बल्कि उनके पास एमडीएम जैसे अहम योजना का प्रभार भी है।
मजे की बात कि यह स्थिति तब है जब डीएम एमपी सिंह की प्राथमिकताओं में बेसिक शिक्षा में अपेक्षित सुधार भी है। शायद उन्हें पता है कि यह तभी संभव होगा जब अर्से से एक ही जगह जमे एबीएसए की फेटाई होगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार इसके लिए बीएसए को डीएम कह भी चुके हैं। मालूम हो कि कुछ दिन पहले डीएम ने अर्से से एक ही पटल पर जमे बाबुओं की ठीक से फेटाई करवाई थी। उनकी इस कार्रवाई से विभाग में खलबली मच गई थी।