बर्तन व्यवसायी ने की खुदकुशी और सुसाइड नोट में इसका कलंक डाल दिया बसपा मुखिया के मत्थे

गाजीपुर। एक बर्तन व्यवसायी ने विषपान कर आत्महत्या कर ली और अपने सुसाइड नोट से सियासी हलके में भी सनसनी फैला दी। उसने अपने इस आत्मघाती कदम का ठिकरा सीधे बसपा मुखिया मायावती के माथे फोड़ गया।
वाकया शहर से सटे महाराजगंज बाजार का है। बर्तन व्यवसायी मुन्नू प्रसाद (62) मंगलवार की रात विषपान किया। परिवारीजनों को इसकी जानकारी तब हुई जब उसकी तबियत बिगड़ी। उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया।
मुन्नू प्रसाद के बिस्तर पर सुसाइड नोट पड़ा था। उसमें वह अपने बकायदारों का नाम-पता लिखे थे। साथ ही वह यह भी लिखे थे कि वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। उसके लिए पार्टी मुखिया की ओर से दो करोड़ रुपये की मांग वह पूरी नहीं कर पाए। लिहाजा वह आत्महत्या कर रहे हैं। मुन्नू प्रसाद के परिवारीजनों के अनुसार वह बसपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे और पार्टी टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे।
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उधर इस सिलसिले में ‘आजकल समाचार’ ने बसपा जिलाध्यक्ष रामप्रकाश गुड्डू से इस घटना की चर्चा की। अव्वल तो उन्होंने मुन्नू प्रसाद को पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता रहने से साफ इन्कार किया। कहे कि मुन्नू प्रसाद पार्टी के समर्थक के रूप में बीते 15 जनवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के जन्म दिवस पर लंका मैदान में हुए कार्यक्रम वह जरूर मंच पर दिखे थे। महाराजगंज में वह अपने नाम से पार्टी का पोस्टर, बैनर भी लगवाए थे। एक बार वह उनसे मिले थे और जिला पंचायत चुनाव के लिए पार्टी का टिकट भी मांगे थे। बसपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि सुसाइड नोट में टिकट के लिए पार्टी मुखिया की ओर से दो करोड़ रुपये की मांग का जिक्र उनकी समझ से परे है। संभव हो कि मुन्नू प्रसाद का आत्महत्या का निर्णय लेते वक्त मानसिक संतुलन बिगड़ गया हो।
खैर बसपा जिलाध्यक्ष जो कहें लेकिन खुदकुशी की यह घटना विरोधियों को बसपा पर हमले का मौका दे दी है। विरोधियों का कहना है कि इस घटना से फिर साबित हुआ है कि बसपा टिकट की सौदागर है और इसके लिए अपने कार्यकर्ताओं के मानसिक शोषण से भी उसे गुरेज नहीं है।