फल व्यवसायी प्रकरण में हलका दारोगा सहित चार पुलिस कर्मी लाइन हाजिर

गाजीपुर। दिलदारनगर गांव में शनिवार की आधी रात घर में घुसकर फल व्यवसायी सलीम कुरैशी की बर्बर पिटाई के मामले में हलका दारोगा और तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस कप्तान डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने सोमवार की रात इस आशय का आदेश जारी किया।
इस कार्रवाई की जद में आए दारोगा संदीप कुमार के अलावा सिपाही विनित कुमार यादव, राजू कुमार तथा कुंदन कुमार हैं।
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आरोप के मुताबिक फल व्यवसायी सलीम कुरैशी के घर पहुंच कर पुलिस कर्मी दरवाजा खुलवाए थे और सलीम को घसीटते हुए बाहर गली में ले जाकर पटक दिए। फिर बर्बर पिटाई कर उन्हें अचेत कर दिए। लगे हाथ उनके अंडरवियर की जेब में रखी 20 हजार की नकदी भी निकाल लिए थे। सलीम की पत्नी सरवरी और परिवार की अन्य महिलाओं ने इस बर्बर करतूत पर एतराज जताया तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें भी नहीं बख्शा था। सरवरी को कई थप्पड़ रसीद करने के साथ ही सबको गालियों से नवाजे थे। सलीम के परिवार की चीख पुकार सुन आसपास के लोग मौके की ओर लपके तो वह पुलिस कर्मी निकल लिए थे। पुलिसिया पिटाई से सलीम के दाहिने घुटने की हड्डियां चूर हो गईं थीं। उन्हें जिला अस्पताल से वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया था। इधर इस पुलिसिया जुल्म की कहानी मीडिया में उछलनी शुरू हुई और गैर भाजपाई दलों में तीखी प्रतिक्रिया होने लगी। तब पुलिस अधिकारियों ने पहले इस पूरे मामले को रफादफा करने की पूरी कोशिश की। लगभग सभी ने एक स्वर में यह कहना शुरू कर दिया था कि सलीम के घर गोवंश कटने की खुफिया सूचना मिली थी। उसके बाद ही पुलिस टीम उनके घर पहुंची थी। तब सामने आने के बजाए भागने की कोशिश में वह घर की दीवार फांदे।

उसी में उनके घुटने की हड्डी टूटी लेकिन बढ़ते जनदबाव और आला पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर इस पूरे प्रकरण की जांच एएसपी ग्रामीण अनिल कुमार झा को दी गई। माना जा रहा है कि एएसपी ग्रामीण की जांच रिपोर्ट पर ही उन पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है।